चार दिन आईसीयू में जूझकर 23 सप्ताह की गर्भवती ने तोड़ा दम, दो दिन से नहीं मिला प्लाज्मा

Spread the love

देहरादून। दून अस्पताल में भर्ती हरिद्वार निवासी एक आईएफएस की पत्नी ने चार दिन आईसीयू में जूझने के बाद मंगलवार को दम तोड़ दिया। वह 23 सप्ताह की गर्भवती थी और उनके गर्भ में दो शिशु थे। डाक्टर तमाम कोशिशों एवं जीतोड़ मेहनत के बाद भी उन्हें बचाने में कामयाब नहीं हो सके। कई दिनों से हरिद्वार निवासी 37 साल की मरीज सबा हसन दून महिला अस्पताल में भर्ती थी। उन्हें चार दिन पहले आईसीयू में शिफ्ट किया गया। यहां आईसीयू प्रभारी डा. अतुल कुमार एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. स्तुति की देखरेख में उनका उपचार डाक्टरों एवं मेडिकल टीम ने किया। उन्हें बाईपैप एवं वेंटीलेटर पर रखा गया। लेकिन उनकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई और मंगलवार को उनकी मौत हो गई। गर्भ में पल रहे दोनों शिशुओं को भी नहीं बचाया जा सका। प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना का कहना है कि मरीज को बचाने की तमाम कोशिशें की गई, लेकिन संक्रमण बहुत ज्यादा और ऑक्सीजन लेवल बहुत कम होने की वजह से वह सरवाइव नहीं कर पाई।
दो दिन से प्लाज्मा भी नहीं मिला: मरीज को बचाने के लिए डाक्टरों ने प्लाज्मा के लिए एडवाइज किया था। लेकिन सोशल मीडिया पर तमाम अभियान के बाद भी प्लाज्मा नहीं मिल सका। कांग्रेस नेत्री गरिमा मेहरा दसौनी ने फेसबुक पोस्ट कर सिस्टम पर कटाक्ष किया है। वहीं दुख व्यक्त किया है। इसके अलावा कई अन्य लोगों ने सिस्टम में सुधार के लिए कहा है।
मास्क उतारने लगी थी: आईसीयू में भर्ती के दौरान मरीज दो दिन से अपना मास्क उतारने लगी थी। इससे समझा जा रहा था कि उन्हें कितनी पीड़ा उठानी पड़ रही थी। वह कभी उठकर बैठ जाती तो बोलती नहीं। मेडिकल कर्मचारियों की आंखें उनके निधन पर भर आई। परिजनों का मोर्चरी पर रो-रोकर बुरा हाल था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *