चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट खुले

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श्रीनगर गढ़वाल। चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के कपाट रविवार को श्रद्घालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। 11500 फिट की ऊंचाई पर स्थित भगवान रुद्रनाथ के कपाट रविवार को प्रातः ब्रह्म मुहुर्त में मंत्रोच्चार के बीच खुल गये हैं। रुद्रनाथ मंदिर के पुजारी सुनील तिवारी ने विधि-विधान के साथ कपाट खोले। भगवान रुद्रनाथ के मंदिर के कपाट खुलने के अवसर पर यहां बडी़ संख्या में पहुंचे शिव भक्तों ने हर-हर महादेव, बम-बम भोले और जय बाबा रुद्रनाथ के जयकारे लगाए। रुद्रनाथ मंदिर के कपाट खुलने से पूर्व पूरे मंदिर परिसर को हजारों फूलों से सजाया गया। शिव भक्त 20 किलोमीटर पैदल चल कर मंदिर तक पहुंचे। मुख की होती है पूजा चतुर्थ केदार के रूप में पंचकेदारों में विशिष्ट स्थान रखने वाले रुद्रनाथ मन्दिर में भगवान शिव के ”एकनान” स्वरूप यानी मुख की पूजा होती है। कपाट खुलने के साथ ही अगले पांच माह तक रुद्रनाथ मंदिर में भगवान की नियमित पूजा-अर्चना की जाएगी। इस दौरान देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु इस पवित्र स्थल के दर्शन कर सकेंगे और भगवान रुद्रनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। हर हर महादेव के जयकारे लगे प्रात: 4 बजे रुद्रनाथ के कपाट खुले। 4.10 से कपाट खुलने के बाद की धार्मिक क्रियाओं का निर्वहन किया गया। जैसे ही भगवान के मुखमंडल के दिव्य दर्शन हुये चारों ओर से जय जय रुद्रनाथ बम बम भोले, हर हर महादेव के जयकारे लगे। इसके तत्काल बाद भगवान का विभिन्न जल धाराओं से स्नान किया गया और श्रृंगार की प्रक्रिया आरम्भ हुयी। श्रृंगार अभिषेक के बाद रुद्राभिषेक हुआ। दिव्य आरती और शंखनाद किया गया। कपाट खुलने के बाद इस वर्ष का पहला यज्ञ और रुद्रीपाठ भगवान के चरणों में किया गया। प्रसाद स्वरूप में भगवान के श्री विग्रह से प्राप्त हिमालयी पुष्पों और वनस्पतियों को दिया गया और विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।

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