स्वतंत्रता सेनानी ज्ञानी स्वर्ण सिंह का 102 वर्ष में निधन
रुद्रपुर। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ज्ञानी स्वर्ण सिंह का निधन हो गया। वे 102 वर्ष के थे। वे पिछले 15 दिनों से अस्वस्थ थे। सोमवार की रात्रि 11 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। ज्ञानी स्वर्ण सिंह ने अंग्रेजों की यातनायें सहते हुए स्वतंत्रता के लिए जेल काटी थी। मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की गयी। उनके पुत्र बलराज सिंह व कुलदीप सिंह ने अग्नि दी। इससे पहले गार्ड अफ अनर दिया गया। एसडीएम तुषार सैनी ने पुष्प चक्र अर्पित किया।
ज्ञानी स्वर्ण सिंह 1942 के अंग्रेजो भारत छोड़ो आंदोलन में ज्ञानी स्वर्ण सिंह कूद गये थे। ज्ञानी स्वर्ण सिंह का जन्म भुट्टर गांव के शेखपुरा पंजाब वर्तमान में पंजाब में हुआ था। ज्ञानी स्वर्ण सिंह गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब में रिसीवर रहे। उन्होंने तीन पुस्तकें भी लिखी। मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की गयी। इस दौरान नम आंखों से विदाई दी गयी। इस दौरान भाईपाल सिंह, हरचरण सिंह, मुंशीराम जिंदल, नरेंद्र बमराह, विधायक सौरभ बहुगुणा, कांग्रेस प्रदेश सचिव नवतेज पाल सिंह, भुवन भट्ट, पूर्व विधायक नारायण पाल, मालती विश्वास, साहब सिंह बिजटी, मलूक सिंह शामिल रहे। पूर्व सीएम हरीश रावत और नानकमत्ता विधायक ड़ प्रेम सिंह राणा, भाजपा नेता सुरेश गंगवार, पूर्व ब्लक प्रमुख बहादुर सिंह, पूर्व सांसद ड़ महेंद्र सिंह पाल ने शोक जताया।