नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने आज ताज ट्रेपेजियम जोन में वृक्ष गणना को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है। इसके तहत कोर्ट ने वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) देहरादून टीटीजेड में वृक्षों की गणना करने के लिए प्रस्तावित बजट पर पुनर्विचार करने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) देहरादून को ताज ट्रेपेज़ियम जोन (टीटीजेड) में वृक्षों की गणना करने के लिए प्रस्तावित बजट पर पुनर्विचार करने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि एफआरआई द्वारा दी गई समय-सीमा बहुत लंबी है और दिल्ली में वृक्ष सर्वेक्षण के लिए इस्तेमाल होने वाली बुनियादी ढांचा टीटीजेड क्षेत्र में भी काम आ सकता है।
मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुयान की पीठ ने एफआरआई से चार सप्ताह के भीतर नया बजट और समय-सीमा प्रस्तुत करने को कहा। कोर्ट ने यह भी कहा कि दिल्ली में पहले किए गए वृक्ष सर्वेक्षण के ढांचे का उपयोग टीटीजेड में वृक्षों की गणना के लिए किया जा सकता है, जिससे बजट में बदलाव किया जा सके।
एफआरआई को दिया गया था ये आदेश
बता दें कि यह आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा 26 मार्च को दिए गए निर्देश के बाद आया, जिसमें एफआरआई को दिल्ली में वृक्ष गणना करने का आदेश दिया गया था और इसके साथ ही शहर के हरित क्षेत्र को बढ़ाने की अनुमति भी दी गई थी। एफआरआई को तीन चरणों में यह कार्य पूरा करने को कहा गया है।
बात अगर अब टीटीजेड क्षेत्र की करें तो ये उत्तर प्रदेश के आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस और एटा जिलों के साथ राजस्थान के भरतपुर जिले में फैला हुआ है। साथ ही यह लगभग 10,400 वर्ग किलोमीटर में विस्तारित है। इसपर कोर्ट ने कहा कि मौजूदा पेड़ों की गणना के बिना टीटीजेड क्षेत्र में उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जा सकती।
सुप्रीम कोर्ट ने टीटीजेडी को दिया था निर्देश
गौरतलब है कि मामले में इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने टीटीजेड प्राधिकरण को निर्देश दिया था कि वह एफआरआई को ताज ट्रेपेजियम जोन में वृक्षों की गणना के लिए नियुक्त करे। साथ ही अदालत ने यह भी कहा था कि पेड़ों की रक्षा के लिए एक निगरानी प्रणाली होनी चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की अवैध कटाई रोकी जा सके। यह कदम पर्यावरण संरक्षण और ताजमहल सहित यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है।