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आतंकी फंडिंग के आरोपी से लेकर जेल में बंद खालिस्तानी तक की जीत, कैसे-कैसे लोग पहुंच रहे संसद?

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों की मतगणना अभी जारी है। इस बीच कुछ चौंकाने वाले नतीजे और रुझान सामने आ रहे हैं। कई केंद्रीय मंत्री पीछे चल रहे हैं तो कई को हार का स्वाद चखना पड़ा है। कुछ पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी करारी शिकस्त झेलनी पड़ी है। जम्मू कश्मीर के दो-दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है। इनमें नेशनल कॉन्फ्रेन्स के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला भी शामिल हैं, जिन्हें निर्दलीय उम्मीदवार अब्दुल रशीद शेख उर्फ इंजीनियर रशीद से हार का सामना करना पड़ा है।जम्मू-कश्मीर की बारामूला सीट पर राशिद इंजीनियर को कुल 4,23,507 वोट मिले, जबकि उमर अब्दुल्ला को ताजा रुझानों तक 2,34, 928 वोट मिले हैं। यानी राशिद इंजीनियर ने उमर पर 188579 वोटों की बढ़त बना ली है। उमर ने नतीजों का ऐलान होने से पहले ही अपनी हार स्वीकार कर ली है। इस सीट पर राशिद की जीत चौंकाने वाली है क्योंकि फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद हैं और वहीं से चुनाव लड़ा है।राशिद पर आतंकी फंडिंग लेने के आरोप हैं और वे पिछले 5 सालों से गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोपों का सामना कर रहे हैं। उनके जेल में रहने की स्थिति में उनके दोनों बेटों ने पूरे चुनाव अभियान का नेतृत्व किया था। इसी राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती को भी हार का सामना करना पड़ा है। उन्हें अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर नेशनल कांफ्रेंस के मियां अल्ताफ ने करीब पौने दो लाख मतों के अंतर से हराया है।इसी तरह पंजाब में भी एक चौंकाने वाली खबर आई है। कट्टरपंथी सिख उपदेशक और खालिस्तानी संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख अमृतपाल सिंह खडूर साहिब लोकसभा सीट पर जीतने की कगार पर हैं। ताजा रुझानों के मुताबिक, अमृतपाल सिंह कांग्रेस उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा से 1,58,193 मतों से आगे चल रहे हैं। सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल फिलहाल राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं।

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