देश-विदेश

लद्दाख में भारतीय सेना की मजबूती से चीन बौखलाया, दलाई लामा के जन्मदिन पर देमचोक में घुसपैठ कर लहराए झंडे

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

जम्मू, एजेंसी । केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को लेकर बुरी नीयत रखने वाले चीन ने लेह के देमचोक में घुसपैठ कर धर्मगुरु दलाई लामा के तिब्बत की आजादी संबंधी गतिविधियों पर रोक लगाने की गीदड़भभकी दी। पूर्वी लद्दाख में गलवन में मुंह की खाने वाला चीन क्षेत्र में भारतीय सेना के मजबूत होने व तिब्बत के लोगों के संघर्ष से सुलग रहा है। ऐसे में छह जुलाई को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास लोगों के दलाई लामा का जन्मदिन मनाने, तिब्बत के झंडे फहराना चीन को नागवार गुजरा।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, डोला तामगो क्षेत्र के कोयूल गांव में तिब्बती शरणार्थियों ने छह जुलाई को दलाई लामा का 86वां जन्मदिन मनाकर तिब्बत को चीन से आजाद करवाने के नारे बुलंद किए। कार्यक्रम का विरोध करने के लिए चीन के सैनिक पांच वाहनों में कुछ स्थानीय निवासियों के साथ मौके से करीब 200 मीटर की दूरी पर सिंधु नदी के पार एकत्र हो गए। कार्यक्रम में खलल डालने के लिए चीन के सैनिक कच्ची सड़क से डेढ़ किलोमीटर अंदर तक आए थे।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, चीन की सेना के झंडों के साथ एक बड़ा लाल झंडा उठा रखा था, जिसमें चीनी भाषा में कुछ लिखा था। कयास लगा जा रहे झंडे पर तिब्बत को आजाद करवाने की गतिविधियां रोकने की धमकी थी।छह जुलाई को छह ग्यारह बजे के करीब आए चीन के सैनिक करीब आधा घंटे सिंधु नदी के पार विरोध जताने बाद लौटे गए। स्थानीय निवासियों के अनुसार, करीब दस दिन पहले भी इस इलाके के करीब चीन के सैनिकों ने सोलर पंप लगाए जाने पर विरोध का इजहार किया था।
कायूल गांव के उरगेन सीवांग का कहना है कि देमचोक इलाके में हमारा आखिरी गांव है। पहले भी ऐसे कार्यक्रमों में खलल डालने के लिए चीन के सैनिक सिंधु नदी के दूसरे किनारे पर आते रहे हैं, जो हमारी जमीन है। वहीं, तिब्बत को चीन से आजाद करवाने की मांग लगातार मजबूत होती जा रही है। यह चीन को मंजूर नही है। तिब्बतियों को इस मांग पर समर्थन देने के लिए बने भारत तिब्बत संवाद मंच के जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, लद्दाख के प्रभारी शिशुपाल सिंह का कहना है कि हम लगातार यह मुद्दा उठा रहे हैं कि केंद्र सरकार तिब्बत को चीन से आजाद करवाए। लद्दाख में बुरे मंसूबे रखने वाले चीन की विस्तारवादी नीतियों पर अंकुश लगाना जरूरी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!