सरकार की उपेक्षा से आशाओं में रोष
पिथौरागढ़। जनपद में आशाओं का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। नगर से लेकर भारत-नेपाल सीमा तक आशाओं की आक्रोश से गूंज रही है। न तो सरकार ही उनकी सुध ले रही है और न ही आशा कार्यकत्रियां वापस ड्यूटी में लौटने को तैयार हैं। आशाओं का कहना है कि पक्की नौकरी और सामाजिक सम्मान लिए बगैर वे पीछे नहीं हटेंगी। वहीं अब कार्यकत्रियों ने 31 अगस्त को खटीमा स्थित मुख्यमंत्री कैम्प कूच करने का निर्णय लिया है। रविवार को 29वें दिन भी जिले भर में आशा कार्यकत्रियां अपनी मांगों को लेकर डटी रही। जिला मुख्यालय से लेकर धारचूला, मुनस्यारी, थल बेरीनाग, गंगोलीहाट, मुवानी सहित अन्य क्षेत्रों में आशा कार्यकत्रियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए धरना दिया। आक्रोशित आशाओं ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया। कहा आशा कार्यकत्रियां अपने कार्य के अलावा शासन स्तर से मिलने वाले प्रत्येक कार्य को बखूबी अंजाम तक पहुंचा रहीं हैं। बदले में अल्प वेतन देकर सरकार उनका उत्पीड़न कर रही है। कहा 29 दिन से लगातार वे धरना-प्रदर्शन कर रही हैं, बावजूद सरकार को उनकी पीड़ा दिखाई नहीं देती। जिलाध्यक्ष इंद्र देऊपा ने कहा विधानसभा सत्र तक भी कोई निर्णय न होने पर संगठन ने मुख्यमंत्री के कैम्प कार्यालय खटीमा कूच करने का निर्णय लिया है। कहा आगामी मंगलवार को कार्यकत्रियां खटीमा को रवाना होंगी।