मनरेगा के कार्यों का भुगतान नहीं होने ग्राम प्रधान संगठन में रोष
बागेश्वर। मनरेगा के कार्यों का भुगतान नहीं होने पर ग्राम प्रधान संगठन ने कड़ी आपत्ति जताई है। नाराज संगठन का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों का रोजगार भी प्रभावित हो गया है। उन्होंने 150 दिनों का वार्षिक रोजगार देने की मांग की है। ग्राम प्रधान संगठन के अध्यक्ष विनोद कुमार टम्टा ने डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा। उन्होंने कहा कि जिले में मनरेगा के कार्यों का भुगतान नहीं हो रहा है। व्यापारी सामग्री आदि देने से मना कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों के लिए मनरेगा एकमात्र आय का साधन है। जिन ग्राम पंचायतों में 20 कार्य भुगतान के कारण अपूर्ण दिखाए जा रहे हैं, जबकि वह पूर्ण हैं। मस्टरोल नए कार्यों के निकल रहे हैं। प्रधानों ने कोरोनाकाल में बेहतर काम किया। प्रधानों को 10 हजार रुपये ओर उपप्रधानों को एक हजार प्रोत्साहन राशि की घोषणा की, जिसका शासनादेश अभी तक नहीं आया है। सरकार ने ग्राम पंचायतों में राज्यवित्त की बढ़ोत्तरी की है। केंद्रीय वित्त में कटौती कर दी गई है। प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थी अभी वंचित हैं। पोर्टल भी बंद हैं। जिसका लाभ नहीं मिल रहा है। वृद्घावस्था पेंशन केवल बीपीएल क्रमांक वाले परिवार को मिल रही है। जबकि वर्ष 2002 से बीपीलए सर्व नहीं हुई है। चार हजार से कम आय वाले बुर्जुगों को भी वृद्घावस्था पेंशन दी जाए। ग्राम पंचायतों में विकास कार्य करने के लिए सड़क से पांच किमी दूरी का मापन एक है। जिसमें ढुलान खर्च अधिक आता है। ग्राम प्रधानों को दिक्कतें हो रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में दूरी का मापन अलग से किया जाए।