उत्तराखंड

सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर परमार्थ निकेतन में सैनिकों को समर्पित की गंगा आरती

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शहीदों के नाम रोपित किया रूद्राक्ष का पौधा
सैनिक है तो हम हैंरू स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ाषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने आज सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर भारतीय सशस्त्र सेनाओं के सैनिक जिन्होंने देश की रक्षा, आंतरिक सुरक्षा और प्रातिक आपदाओं के समय देशवासियों की रक्षा हेतु अपने प्राणों की आहुतियाँ दी उन्हें भावभीनी श्रद्घाजंलि अर्पित की।
स्वामी जी ने कहा कि हमारे सैनिक हमारी सीमाओं की रक्षा, राष्ट्र की सेवा और देशवासियों के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करते हुये वीरगति को प्राप्त हो जाते हैं। हमारे सैनिक संत से कम नहीं है। आज का दिन सेना में सेवारत सैनिकों, सैन्य कर्मियों और पूर्व सैनिकों तथा उनके कल्याण के लिये मनाया जाता है। भारत क्षेत्रीय शक्ति से वैश्विक शक्ति बनने की राह पर अग्रसर है और इसमें सेना का महत्वपूर्ण योगदान है।
स्वामी जी ने कहा कि भारत की सीमाओं पर परिस्थितियाँ प्रतिकूल हो या अनुकूल सेना के जवानों ने सदैव ही साहस के साथ कार्य किया। हमारे पास अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप अत्याधुनिक हथियार हो या न हो परन्तु सैनिकों ने अपनी फौलादी ताकत और जाबाज इरादों से भारत की सीमाओं को सदैव सुरक्षित रखा है।
स्वामी जी ने कहा कि हमारे सैनिक देश की सीमाओं पर अद्म्य साहस और बहादुरी के साथ अपने वतन की रक्षा के लिये हमेशा तैनात रहते है और दुश्मनों का सामना करते है, भारत का प्रत्येक सैनिक किसी संत से कम नहीं है। हमारी सीमाओं पर सैनिक हैं तो हमारी सीमायें सुरक्षित हैय सैनिक है तो हम हैं, हमारा अस्तित्व है आज हम सब सुरक्षित हैं व जिंदा है।
सैनिक अपनी जान को हथेली पर रखकर अपने देश की रक्षा करते हैं। भारत माता की रक्षा के लिये हसंते-हसंते अपनी जान कुर्बान कर देंते हैं। धन्य है वे माता-पिता जिन्होनें भारत को ऐसे बहादुर सपूत दिये जिनके कारण भारत आज गर्व से खड़ा है।
आज की परमार्थ निकेतन गंगा आरती हमारे सैनिकों को समर्पित की गयी तथा शहीद हुये सैनिकों के नाम से स्वामी जी ने परमार्थ परिसर में रूद्राक्ष का पौधा रोपित किया।

 

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