गंगा किनारे किसान महाकुंभ का आगाज
हरिद्वार। देश समेत उत्तराखंड के किसानों की समस्याओं को लेकर बुधवार को किसान नेताओं ने गंगा किनारे मंथन किया। गंगा पूजन के साथ भारतीय किसान यूनियन के तीन दिवसीय किसान महाकुंभ की शुरुआत भी हुई। किसान नेताओं ने हवन कर कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की। कोरोना को देखते हुए बीते वर्ष की तरह इस साल भी किसान नेताओं ने हरिद्वार वीआईपी घाट पर किसान महाकुंभ की शुरुआत की, जिसमें बाहरी राज्यों से किसान नेताओं ने शिरकत नहीं की बल्कि उत्तराखंड की कार्यकारिणी ने ही बैठक की। बैठक में किसानों की समस्याओं को लेकर चर्चा की गई। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार को ऊर्जा प्रदेश होने के नाते उत्तराखंड में किसानों को बिजली निशुल्क देनी चाहिए। गन्ने के भुगतान के अलावा 500 रुपये कुंतल गन्ने का दाम तय करना चाहिए। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष विजय शास्त्री ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते इस बार सूक्ष्म रूप से ही किसान महाकुंभ की शुरुआत की गई है। 18 जून को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत किसान महाकुंभ का समापन कराएंगे। प्रदेश संरक्षक रामपाल सिंह ने कहा कि उत्तराखंड सरकार पूर्ण रूप से किसान मजदूर विरोधी सरकार है। इस सरकार की गलत नीतियों के कारण उत्तराखंड का किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच गया है। जो वादे सरकार ने किए थे वह पूरे नहीं किए। प्रदेश महासचिव रवि कुमार ने कहा कि वर्षों की भांति इस वर्ष भी 16 से 18 जून तक किसान महाकुंभ का आयोजन किया गया है। मंडल अध्यक्ष संजय चौधरी ने कहा कि जून माह में लगातार किसान महाकुंभ होता है। जिसमें राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग के द्वारा संगठन के कार्यों की समीक्षा की जाती है और रूपरेखा तैयार की जाती है। इस दौरान कोषाध्यक्ष विक्रम पाल चमन लाल शर्मा, बालेंद्र सिंह, गुलजार राजपूत, इसरार प्रधान, धर्मेंद्र लल्ला, सोनू पंडित, रविंद्र कुमार, भूपेंद्र सैनी, अभिषेक शर्मा, अर्जुन, सन्नी, निक्की, रामपाल सिंह, शोएब अंसारी, मोहम्मद अजीम आदि मौजूद रहे।