ऋषिकेश। पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही भारी वर्षा के चलते ऋषिकेश में गंगा नदी भी उफान पर आने लगी हैं। ऋषिकेश त्रिवेणीघाट में गुरुवार को गंगा के जलस्तर में पिछले दिनों की तुलना में अधिक वृद्धि दर्ज की गई। दोपहर डेढ़ बजे गंगा का जल स्तर सर्वाधिक 339.25 मीटर तक पहुंचा, जो चेतावनी रेखा से महज 25 सेमी. नीचे था। जलस्तर बढ़ने से क्षेत्र के स्नानघाट जलमग्न हो गये है। शाम पांच बजे तक गंगा का जल स्तर 339.40 मी. दर्ज किया गया। शाम तक आरती घाट में पानी मौजूद रहा है। बता दें कि ऋषिकेश त्रिवेणी घाट में गंगा के जल स्तर की चेतावनी रेखा 339.50 मीटर (समुद्र तल से) व खतरे का निशान 340.50 मीटर है। पहाड़ों में बारिश से गंगा का जलस्तर लगातार घट बढ़ रहा है। अचानक जलस्तर बढ़ने से सभी स्नानघाट जलमग्न हो रहे है। जिससे तट पर नहाने में दिक्कत आने लगी है। गुरुवार दोपहर अचानक जलस्तर बढ़ने लगा। जिस पर पुलिस ने लोगों को घाटों पर जाने से रोका। प्रशासन के मुताबिक इन दिनों टिहरी एवं श्रीनगर बांध से भी अतिरिक्त पानी छोड़ा जा रहा है। जिससे हरदिन दोपहर बाद जलस्तर में वृद्धि हो रही है। केंद्रीय जल आयोग के अवर अभियंता विभांशु त्रिपाठी ने बताया कि इन दिनों पानी में सल्ट की मात्रा अधिक होने के कारण श्रीनगर बांध से पानी छोड़ा जा रहा है। जबकि टिहरी बांध से बिजली उत्पादन की डिमांड अधिक होने पर पानी अधिक आता है। इसलिये इन दिनों जलस्तर चेतावनी निशान के आसपास ही रहता है। वह बताते है जलस्तर बढ़ने की जानकारी तुरंत प्रशासन को दी जा रही है। मलबे से अटने लगे हैं घाट गंगा का जलस्तर घटने बढ़ने के कारण इन दिनों घाटों पर मलबा जमा होने लगा है। मलबा होने के कारण घाटों पर स्नान करना भी जोखिमभरा रहता है। इसलिये प्रशासन ने प्रमुख घाटों पर पुलिस की तैनाती कर रखी है। जो लोगों को घाटों पर जाने से रोकती है। सीओ ऋषिकेश संदीप नेगी ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से लोगों को घाटों पर जाने से रोका जा रहा है। आरती स्थल के प्लेटफार्म तक पहुंचा पानी गुरुवार दोपहर बाद जलस्तर बढ़ने पर आरती स्थल का प्लेटफार्म भी जलमग्न हो गया है। गंगा की तेज लहरों के कारण आरती स्थल भी पीछे कर दिया गया है। जिससे लोगों को दिक्कत आ रही है। हालांकि इन दिनों आरती में लोगों की संख्या कम है। लेकिन फिर भी सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें घाट पर जाने से रोका जा रहा है।