ढोल नगाड़ों के साथ निकली गणपति विसर्जन यात्रा, गणपति बप्पा मोरिया से गूंजा शहर
गढ़वाल के प्रवेश द्वार कोटद्वार में निकाली गई भगवान गणपति की विसर्जन यात्रा
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : दस दिवसीय गणेश महोत्सव के अंतिम दिन मंगलवार को गणेश चतुर्दशी पर विघ्नहर्ता भगवान गणेश की विसर्जन यात्रा ढोल नगाड़ों के साथ निकाली गई। ढोल-नगाड़ों की धुन में नाचते हुए सिद्धबली के समीप खोह नदी में पहुंचे लोगों ने गणपति जी को नम आखों से विसर्जित किया।
गणेश महोत्सव के अंतिम दिन गणेश चतुर्दशी पर भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया गया। अधिकांश श्रद्धालुओं ने शाम के समय ही विसर्जन यात्रा निकाली। यात्रा के दौरान श्रद्धालु खूब ढोल-नगाड़ों पर झूमते हुए नजर आए। काशीरामपुर तल्ला के वाशिंदों की ओर से गाड़ीघाट, मालगोदाम रोड, झंडाचौक, बदरीनाथ मार्ग होते हुए सिद्धबली तक विसर्जन यात्रा निकाली गई। इसी तरह श्री सिद्धिविनायक सेवा समिति, आमपड़ाव व पदमपुर के लोगों की ओर से भी धूमधाम के साथ विसर्जन यात्रा निकाली गई। पूरी यात्रा में युवा, महिलाएं व बच्चे भगवान गणेश के भजनों में झूम रहे थे। नदी पहुंचे श्रद्धालुओं ने नम आंखों से गणपति बप्पा की मूर्ति को खोह नदी में प्रवाहित किया। साथ ही अगले बरस जल्दी आने की भी प्रार्थना की।