उत्तराखंड

तुंगनाथ मंदिर परिसर में कूड़े के ढेर

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

रुद्रप्रयाग। तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के परिसर में जगह जगह कूड़ा कचरा फैला हुआ है। जिससे धाम की पवित्रता प्रभावित हो रही है। विश्व में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर तुंगनाथ के कपाट बंद होने के बाद लगातार पर्यटकों की आवाजाही हो रही है जिससे पैदल मार्ग से लेकर मंदिर परिसर तक कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। चोपता से तुंगनाथ व चंद्रशिला ट्रैक पर शीतकाल में बर्फबारी के बाद हजारों पर्यटक पहुंचते हैं। लेकिन उसके बावजूद भी प्रशासन की साफ सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। चोपता से लेकर तुंगनाथ तक एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है। यहां आने वाले हजारों पर्यटक पानी की बोतलें,खाने पीने की सामग्री, कूड़ा व कचरे को आसपास देंक देते हैं जिससे वहां कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। वहीं स्थानीय हकहकूकधारी लंबे समय से कपाट बंद होने के बाद धाम में किसी भी प्रकार की आवाजाही पर रोक लगाने की मांग करते आ रहे हैं। उनका कहना है कि कपाट बंद होने के बाद छह माह तक भगवान समाधि अवस्था में होते हैं इसलिए उनकी समाधि को भंग करना ठीक नहीं है। तुंगनाथ मंदिर के मठापति रामप्रसाद मैठाणी ने कहा कि शीतकाल में मानव प्रवेश निषेध होता है इस समय धाम में आवाजाही करना हमारी पौराणिक परम्परा के खिलाफ है। वहीं विगत दो सप्ताह पूर्व भी हकहकूकधारी मक्कू गांव के ग्रामीणों ने पर्यटकों की आवाजाही पर रोष प्रकट किया था। उन्होंने बताया कि इस सम्बंध में कई बार उच्च अधिकारियों को बताया लेकिन प्रशासन इस सम्बंध में कोई भी कार्यवाही नहीं कर रहा है। मंदिर के प्रबंधक बलबीर नेगी ने बताया कि साफ सफाई के लिए टीम पहुंच गयी है,दो दिन पूर्व भी टीम धाम में पहुँची थी लेकिन भारी बर्फबारी के चलते वापस लौटना पड़ा था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!