बिग ब्रेकिंग

जनरल बिपिन रावत व उनकी पत्नी की अस्थियां गंगा में विसर्जित

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

-दोनों बेटियों ने नम आंखों से दी माता-पिता को अंतिम विदाई
-हरिद्वार के वीआइपी घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ हुईं अस्थियां विसर्जित
जयन्त प्रतिनिधि।
हरिद्वार : सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की अस्थियां वीआइपी घाट पर विधि-विधान और पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके तीर्थ पुरोहित आदित्य वशिष्ठ ने विसर्जित करवाई। जनरल रावत की दोनों बेटियों कृतिका और तारिणी ने नम आंखों के साथ माता-पिता की अस्थियां विसर्जित कर उन्हें अंतिम विदाई दी। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग भी उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए घाट पर पहुंचे। पर, उन्हें बाहर ही रोक दिया गया। अंदर केवल जनरल बिपिन रावत के स्वजन और सेना के अधिकारी ही गए।
सीडीएस को अंतिम विदाई देने पहुंचे केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने शोक संवेदना व्यक्त करते कहा कि अभी हाल ही नौ नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर उनसे मुलाकात हुई थी। उनसे उत्तराखंड और देश की सुरक्षा आदि मसलों को लेकर विस्तृत चर्चा हुई थी। उनका उत्तराखंड से विशेष लगाव था। हाल ही उन्हें रायवाला रेलवे रेलवे स्टेशन के पास आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होना था, जिसकी तैयारियां भी जोर शोर से चल रही थी।
अगर आज वह हमारे बीच होते तो वह भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बनते। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक , कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, धन सिंह रावत, गणेश जोशी, विधायक संजय गुप्ता, हरिद्वार मेयर अनिता शर्मा, ऋषिकेश मेयर अनीता ममगाईं, जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे, अपर जिलाधिकारी वीर सिंह बुदियाल, सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह अलावा कई सैन्य अधिकारी मौजूद रहे।
दिल्ली से सुबह छह बजे सेना का विशेष विमान सीडीएस बिपिन रावत की अस्थियां लेकर जौलीग्रांट के लिए रवाना हुआ। जौलीग्रांट हवाई अड्डे से सड़क मार्ग से ससम्मान अस्थियां हरिद्वार लाई गईं।
ऋषिकेश में बनेगा जनरल रावत के नाम पर स्मृति द्वार
उत्तराखंड के गौरव भारत के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए नगर निगम ऋषिकेश उनकी स्मृति में द्वार का निर्माण कराएगा। देश के दिवंगत सर्वोच्च सैन्य अधिकारी के नाम पर गढ़वाल मंडल व चार धाम यात्रा के प्रवेश द्वार तीर्थनगरी में ऋषिकेश नगर निगम की सीमा के प्रारम्भ स्थल ऋषिकेश-हरिद्वार मार्ग पर स्मृति द्वार बनाए जाने की महापौर अनिता ममगाईं ने घोषणा की है। इसके लिए महापौर ने निगम के पार्षदों व अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण भी किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!