हेमकुंड साहिब के पास ग्लेशियर टूटा
गोपेश्वर (चमोली)। उत्तराखंड में बुधवार को जारी हुए रेड अलर्ट के बीच हेमकुंड साहिब के पास ग्घ्लेशियर टूट गया है। अच्छी बात यह रही कि किसी नुकसान की सूचना नहीं है।
बताया गया कि फूलों की घाटी और हेमकुंड साहिब यात्रा पड़ाव घांघरिया के पास कजिला में हिमखंड टूटने से पहाड़ दरक रहा है और मलबा सीधे लक्ष्मण गंगा में गिर रहा है। इसी के पास नदी के दूसरे छोर पर घांघरिया है। जहां मलबे की आवाज सुनकर लोग घरों से बाहर की तरफ निकले। हेमकुंड और फूलों की घाटी की यात्रा जारी है।
गौरतलब है कि बुधवार को देहरादून, नैनीताल समेत नौ जिलों में भारी से अत्यंत भारी वर्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। जिसे लेकर सभी जिलों के अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। बुधवार को मुख्घ्यमंत्री पुष्घ्कर सिंह धामी ने आपदा कंट्रोल रूम पहुंचे और प्रदेशभर में हालात का जायता लिया।
इस बीच देहरादून समेत 10 जिलों में आज स्कूलों की टुट्टी की गई है। वहीं पहाड़ों में भूस्खलन और निचले क्षेत्रों में नदी-नालों के उफान पर आने को लेकर चेतावनी जारी की गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आज प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में अत्यंत भारी वर्षा होने की आशंका है। देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर, ऊधमसिंह नगर, पिथौरागढ़ और हरिद्वार में भारी वर्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है।
उत्तराखंड में भारी वर्षा का अलर्ट, सीएम धामी ने लिया राज्य की स्थिति का जायजा
।देहरादून। राज्य में भारी वर्षा के अलर्ट के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय स्थित आपदा कंट्रोल रूम जाकर राज्य की स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी बारिश की सम्भावना को देखते हुए लगातार अलर्ट रहने की जरूरत है।
आपदा को लेकर की गयी तैयारियों का नियमित रूप से परीक्षण किया जाए। कोई भी कमी पाए जाने पर तुरंत सुधार किया जाए। किसी भी अधिकारी का मोबाइल स्विच आफ न हो। इसमे कोई बहाना नहीं चलेगा। अपनी ड्यूटी में लापरवाही करने पर संबंधित के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। जिलाधिकारी अपने जिलों की स्थिति के अनुसार स्कूलों में टुट्टी के संबंध में निर्णय लें। किसी तरह की असावधानी न बरती जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि खाद्यान्न, दवाइयां, ईंधन आदि आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई को एक बार फिर से चेक कर लिया जाए। संचार नेटवर्क में कोई समस्या न आए इसके लिये मोबाइल आपरेटर कंपनियों से लगातार समन्वय रखा जाए। मुख्यमंत्री ने ऐसा सिस्टम बनाने को कहा कि राज्य मुख्यालय से प्रसारित सूचना गांव गांव तक अविलंब पहुंच जाए। सभी विभागीय सचिव और विभागाध्यक्ष आपदा की दृष्टि से अपने-अपने विभागों की नियमित रूप से मानिटरिंग करे। आपदा की स्थिति में प्रभावितों के रहने के लिये चिह्नित भवनों और स्थानों का फिर से सुरक्षा की दृष्टि से परीक्षण किया जाए। नए व युवा अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाए।
रियल टाइम मानिटरिंग की जा रही हैं। भूस्खलन से रास्ते बंद होने पर तुरंत खोलने के लिए विभिन्न स्थानों पर जेसीबी आदि लगाई गयी हैं। अधिकारियों व कर्मचारियों की दीर्घकालिक अवकाश पर रोक है। इस अवसर पर मुख्य सचिव डा एसएस संधु, सचिव डा रंजीत सिन्हा व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।