भगवान भरोसे शहर के एटीएम, सिस्टम ने भी फेरा मुंह
शहर के अधिकांश एटीमए मशीनों में तैनात नहीं हैं सुरक्षाकर्मी
पूर्व में हुई घटनाओं के बाद भी ध्यान नहीं दे रहा सरकारी सिस्टम
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : एटीएम का संचालन करने वाली एजेंसियां किस तरह गैर जिम्मेदार हैं, इसका प्रत्यक्ष प्रमाण क्षेत्र में मौजूद तीन दर्जन से अधिक एटीएम को देख लगाया जा सकता है। दरअसल, इन एटीएम में एजेंसियों की ओर से किसी सुरक्षाकर्मी की तैनाती नहीं हैं। बताना जरूरी है कि क्षेत्र में मौजूद एटीएम में से करीब नब्बे फीसद एटीएम बैंकों ने निजी एजेंसियों को दिए हुए हैं।
गढ़वाल के प्रवेश द्वार कोटद्वार में करीब तीन दर्जन से अधिक एटीएम है। जिनमें से करीब नब्बे फीसद एटीएम मशीनों के संचालन की जिम्मेदारी बैंकों ने निजी एजेंसियों को दी हुई है। एजेंसियों का कार्य एटीएम में धनराशि रखने के साथ ही उक्त एटीएम की सुरक्षा का भी है। लेकिन, शहर के एटीएम मशीनों की सुरक्षा को लेकर निजी एजेंसियां लापरवाह बनी हुई है। हालत यह है कि अधिकांश एटीमए में सुरक्षा गार्ड तक तैनात नहीं है। वहीं, एटीएम के बाहर सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे हुए हैं। जबकि, पूर्व में कई बार बदमाशों द्वारा एटीएम कार्ड बदल कर खाताधारकों के खाते से पैसे निकाले जाने के मामले भी सामने आ चुके हैं। कुछ माह पूर्व बदमाशों ने दुर्गापुरी के एक एटीएम में युवती का एटीएम कार्ड बदलकर उसके खाते से 80 हजार रुपये निकाल लिए थे। हालांकि, घटना के कुछ दिन बाद पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन, असुरक्षा के कारण हर समय इस तरह की घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। क्षेत्र में एटीएम तोड़ चोरी के प्रयास की भी छह घटनाएं पूर्व में हो चुकी हैं।
बीमित राशि, बरत रहे लापरवाही
एटीएम में रखी जाने वाली राशि बीमित होती है। ऐसे में यदि धनराशि चोरी हो भी जाए तो एटीएम संचालन करने वाली एजेंसी को कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता। बीमा क्लेम करते ही धनराशि एजेंसी को मिल जाती है। ऐसे में एजेंसियां एटीएम सुरक्षा को लेकर पूरी तरह बेपरवाह रहती हैं। हालांकि, नियमानुसार प्रत्येक एटीएम में सुरक्षाकर्मी की तैनाती का प्राविधान है।