नासूर बना गोखले मार्ग, लाख प्रयासों के बाद भी नहीं हो रहा अतिक्रमण मुक्त

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पुलिस व निगम की सख्ती के बाद भी रेहड़ी-ठेली वाले नहीं छोड़ रहे मोह
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : शहर के बीच स्थित गोखले मार्ग अतिक्रमण के लिए नासूर बनता जा रहा है। नगर निगम व पुलिस के लाख प्रयासों के बाद भी मार्ग अतिक्रमण मुक्त नहीं हो पा रहा है। नतीजा, अतिक्रमण के कारण शहरवासियों का गोखले मार्ग पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। जबकि, शहरवासी भी लगातार गोखले मार्ग को अतिक्रमण मुक्त करवाने की मांग उठा रहे हैं।
पुलिस व निगम की सख्ती के बाद भी गोखले मार्ग अतिक्रमण की जद से मुक्त नहीं हो पा रहा है। सड़क के दोनों ओर रेहड़ी-ठेली वालों का कब्जा बना हुआ है। ऐसे में दोपहिया वाहनों का निकलना तो दूर आम जन का पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। अतिक्रमण के कारण कई बार मार्ग पर दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। कुछ माह पूर्व एक छोटे हाथी वाहन ने सड़क से गुजर रहे एक बच्चों को टक्कर मार दी थी। हालांकि, दुर्घटना में बच्चों को अधिक चोट नहीं आई लेकिन, एक बड़ा हादसा होने से बच गया था। कुछ दिन पूर्व पुलिस ने गोखले मार्ग में अभियान चलाते हुए एक दर्जन से आधिक रेहड़ी-ठेलियों को जब्त भी किया था। बावजूद इसके रेहड़ी-ठेली वाले गोखले मार्ग को खाली करने को तैयार नहीं है। कुछ माह पूर्व हुई बैठक में व्यापारियों ने महापौर को रेहड़ी-ठेली व फड वालों को अपनी दुकान के बाहर सड़क पर खड़ा नहीं होने देने की बात कही थी। लेकिन, हालात सुधर न सके।

आज तक नहीं हुई स्थाई व्यवस्था
नगर निगम की ओर से शहर में रेहड़ी-ठेली वालों के लिए कहीं भी स्थाई व्यवस्था नहीं की गई है। जिसके कारण रेहड़ी-ठेली व फड वाले गोखले मार्ग पर ही डटे हुए हैं। एक माह पूर्व रेहड़ी-ठेली व फड़ वालों ने नगर निगम से उनके लिए स्थाई व्यवस्था करवाने की भी मांग उठाई थी। यहीं नहीं नगर निगम ने नजीबाबाद चौराहे के समीप स्थित गाड़ी पड़ाव से भी सब्जी व फल विक्रेताओं को हटा दिया था। इसके बाद यह सब्जी व फल विक्रेता भी रेहड़ी-ठेली लेकर सड़कों पर ही घूम रहे हैं। स्थिति देखकर लगता है मानो पुलिस व नगर निगम अतिक्रमण के नाम पर चालान काटकर केवल अपना राजस्व ही बढ़ाना चाहती है। जबकि, रेहड़ी-ठेली व फड के कारण आमजन परेशान हो रहा है।

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