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शांति बहाली की कोशिशों में जुटी सरकार, अबतक 54 लोगों कीशांति बहाली की कोशिशों में जुटी सरकार, अबतक 54 लोगों की हुई मौत; सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम हुई मौत; सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम

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मणिपुर, एजेंसी। मणिपुर में हुई हिंसा की वजह से अब तक 54 लोगों की मौत हो गई है। इसी बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने प्रदेश में शांति व्यवस्था को स्थापित करने के लिए समन्वय समिति के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई। मुख्यमंत्री बीरेन ने ट्वीट किया, ”मणिपुर में मौजूदा स्थिति और शांति बहाली में नागरिक सामाजिक संगठनों की भूमिका के महत्व को देखते हुए मणिपुर अखंडता पर समन्वय समिति (उडउडटक) के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की।” अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि मणिपुर में हिंसा की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है। वहीं, गैर आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, हिंसा में बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं और 150 से अधिक घायल हुए हैं। इंफाल घाटी में शनिवार को जनजीवन सामान्य होता नजर आया, क्योंकि दुकानें एवं बाजार फिर से खुले और सड़कों पर वाहन भी दिखाई दिए। अधिकारियों ने बताया कि सभी प्रमुख क्षेत्रों और सड़कों पर सेना की अतिरिक्त टुकड़ियों और केंद्रीय पुलिस बल के जवानों की तैनाती के साथ सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है।
शुक्रवार को जिन इलाकों में उग्रवादी समूहों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हुई थी, वहां की सड़कों पर बेरीकेड लगाकर घेराबंदी कर दी गई है। राज्य से बाहर निकलने के प्रयास में इंफाल एयरपोर्ट पर छात्रों समेत बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए।
इसी बीच असम राइफल्स की एक टुकड़ी को इंफाल में सभी नगा छात्रों को रविवार को वापस कोहिमा ले जाने के लिए चुनिंदा जगहों से इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया। बुधवार रात भड़की हिंसा के पीड़ितों के लिए स्थापित विभिन्न शरणार्थी शिविरों में रह रहे लोगों ने कहा कि कई गांवों में आग लगा दी गई है। राज्य में करीब 10,000 सेना, अर्ध-सैन्य और केंद्रीय पुलिस बलों को तैनात किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की आधिकारिक संख्या 54 हैं जिनमें से 16 शव चुराचांदपुर जिला अस्पताल के मोर्चरी में रखे गए हैं, जबकि 15 शव इंफाल पूर्वी जिले के जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान में हैं।

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