हरिद्वार धर्मसंसद में भड़काऊ भाषण मामले में 24 घंटे में जवाब दे सरकार : हाईकोर्ट
नैनीताल। हाई कोर्ट ने हरिद्वार में धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने के खिलाफ दर्ज एफआईआर में वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी की जमानत याचिका पर सुनवाई की। न्यायाधीश न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने सरकार से मामले में सरकार को 24 घंटे के भीतर जवाब पेश करने को कहा है।
अभियोजन के अनुसार ज्वालापुर हरिद्वार निवासी नदीम अली ने दो जनवरी को हरिद्वार कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई। जिसमें कहा गया है कि 17 से 19 दिसंबर 2021 को हिन्दू साधु संतों की पर से हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन किया गया। धर्म संसद में मुसलमानों के खिलाफ युद्घ टेड़ने का आह्वान किया गया। यही नही मुसलमानों के पवित्र ग्रन्थ कुरान व पैगम्बर साहब के खिलाफ आपत्ति जनक शब्दों का प्रयोग भी किया गया। धर्म संसद में शामिल जितेंद्र नारायण त्यागी, यति नरसिंघानन्द व अन्य ने बाद में इसका वीडियो बनाकर वायरल भी कर दिया। इस भड़काऊ भाषण से जिले में अशांति का माहौल बना रहा। राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की किरकिरी हुई।
प्रबोधानंद गिरी ने तो हरिद्वार की मस्जिदों में रह रहे लोगो के खिलाफ हिंसा फैलाए जाने का प्रयास भी किया। पुलिस ने शिकायत पर आईपीसी की धारा 153 ।, 295 तहत नरसिंधानंद गिरी, सागर सिंधु महाराज, धर्मदास महाराज, परमानंद महाराज, साध्वी अन्नपूर्णा, स्वामी आनंद स्वरूप, अश्वनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाण सहित स्वामी प्रबोधानंद गिरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।