काशीपुर। दो माह से वेतन नहीं मिलने से आक्रोशित एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल के डक्टरों और स्टाफ ने चार घंटे तक कार्यबहिष्कार किया। इस दौरान उन्होंने अस्पताल में शीघ्र सीएमएस की नियुक्ति कर वेतन का भुगतान की मांग की। कहा कि चार घंटे का कार्यबहिष्कार लगातार तीन दिन जारी रहेगा। इसके बाद भी वेतन नहीं मिलने पर पूर्ण रूप से कार्यबहिष्कार किया जाएगा।
सोमवार को एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल में डक्टर, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, एक्स-रे तकनीशियन, लैब तकनीशियन समेत समस्त कर्मियों ने वेतन की मांग को लेकर सुबह आठ बजे से दोपहर 12 बजे तक प्रदर्शन किया। वक्ताओं ने कहा स्थायी सीएमएस न होने के कारण उन्हें मार्च और अप्रैल माह का वेतन नहीं मिला है। इससे उनके समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। कहा वे बच्चों की स्कूल फीस, बैंकों की किस्त, मकान किराया जमा नहीं कर पा रहे हैं। जिसके चलते परिवार चलाने में काफी परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा तीन दिन तक आपातकालीन सेवाएं छोड़कर चार घंटे समस्त कार्य बंद रहेंगे। इसके बाद भी वेतन नहीं मिला तो फिर वे पोस्टमार्टम और इमरजेंसी सेवाएं समेत समस्त कार्यों का पूर्ण रूप से बहिष्कार करेंगे। इस दौरान उन्होंने अस्पताल में स्थायी सीएमएस की तैनाती करने की भी मांग की। यहां ड़ हरीश पंत, ड़ राजीव पुनेठा, ड़ मनु पांडे, ड़क कमलजीत सिंह, ड़ शालिनी सिंह, ड़ अल्पना मिश्रा, ड़ सोनम जैन, फार्मासिस्ट आरसी आर्य, माया देवी, कुलविंदर कौर, डीएन पांडेय, निरूपमा रहीं।
मरीज करते रहे 12 बजे तक इंतजार
काशीपुर। सरकारी अस्पताल में सुबह आठ बजे से दोपहर 12 बजे तक ओपीडी, पर्चा काउंटर, दवा वितरण समेत अन्य कार्यों का बहिष्कार किया गया। जबकि इमरजेंसी, पोस्टमार्टम और राष्ट्रीय कार्यक्रम सुचारू रहे। कार्यबहिष्कार के चलते पर्ची काउंटर के बाहर मरीजों की भीड़ जमा हो गई। दूर दराज से आए मरीज अस्पताल में दोपहर 12 बजे तक इंतजार करते रहे। 12 बजे बाद ओपीडी में मरीजों की भीड़ लग गई। इसके चलते मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
यह है मामलारू सरकारी अस्पताल के सीएमएस ड़क कैमाश राणा के बिना सूचना के लंबे समय तक अनुपस्थित रहने पर रेडियोलजिस्ट ड़ खेमपाल को सीएमएस नियुक्त कर प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार दे दिए गए थे। 31 मार्च को स्वास्थ्य सचिव ने शासन को बिना बताए रेडियोलजिस्ट ड़ खेमपाल को उप जिला चिकित्सालय काशीपुर के सीएमएस का जिम्मा सौंपने पर स्वास्थ्य महानिदेशक से स्पष्टीकरण तलब किया था। साथ ही शासन स्तर से तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर एक सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। इस बीच मुख्यालय ने ड़ खेमपाल का आदेश निरस्त कर दिया था। जिसके चलते करीब 80 कर्मचारियों का वेतन समेत अन्य बिल पास नहीं हो पाए।