सरकार ने जनगणना के लिए बजट जारी किया, बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई भी मंजूर

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नईदिल्ली, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2027 में होने वाली जनगणना के लिए 11,718 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि 16 जून, 2025 के राजपत्र में अधिसूचित जनगणना 2 चरणों में आयोजित की जाएगी। वहीं, सरकार बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 74 से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने जा रही है। इससे जुड़े विधेयक को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि जनगणना का कार्य 2 चरणों में किया जाएगा- पहला चरण अप्रैल से सितंबर 2026 तक चलेगा, जबकि दूसरा चरण फरवरी 2027 में संपन्न होगा। उन्होंने प्रक्रिया के महत्व पर जोर देते हुए जनगणना को ‘भारत के लिए एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया’ बताया। उन्होंने बताया कि भारत 150 सालों से अधिक समय से जनगणना के रिकॉर्ड रखता आ रहा है, जो इस ऐतिहासिक डेटाबेस की निरंतरता और महत्व पर जोर देता है।
अश्विनी वैष्णव ने कहा, 2027 की जनगणना पहली डिजिटल जनगणना होगी। जनगणना का डिजिटल डिजाइन डेटा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। यह 2 चरणों में आयोजित की जाएगी। पहला चरण 1 अप्रैल से सितंबर 2026 तक आवास गणना का होगा। दूसरा चरण फरवरी 2027 में जनसंख्या गणना का होगा। पहली बार डिजिटल जनगणना होगी, जिसमें मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए जानकारी इक_ी की जाएगी। यह एप्लीकेशन हिंदी, इंग्लिश और क्षेत्रीय भाषाओं में होगा।
मंत्रिमंडल ने किसानों के लिए भी अहम फैसले लिए हैं। वैष्णव ने कहा, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2026 के लिए पिसाई वाले खोपरा के लिए 12,027 रुपये प्रति क्विंटल और गोल खोपरा के लिए 12,500 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी दे दी है। इसके लिए नेफेड और एनसीसीएफ नोडल एजेंसियां होंगी। इससे पहले मई में सरकार ने धान, कपास, सोयाबीन समेत 14 फसलों की एमएसपी बढ़ाई थी।
सरकार ने कोयला लिंकिंग नीति में बड़ा सुधार करते हुए कोलसेतु को मंजूरी दी गई है। ये कोयला आपूर्ति और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नई नीति है। मंत्री वैष्णव ने बताया कि अब व्यापारियों के अलावा किसी भी उपयोगकर्ता को कोयले के अंतिम उपयोग पर बिना किसी प्रतिबंध के योजना में भाग लेने की अनुमति होगी। साथ ही लिंकेज धारकों को अपनी क्षमता का 50 प्रतिशत तक निर्यात करने की अनुमति होगी। हालांकि, कोकिंग कोल निर्यात नहीं किया जा सकेगा।
सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि बीमा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाने से जुड़ा विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र में ही पेश किया जा सकता है। लोकसभा बुलेटिन के मुताबिक, बीमा कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 को संसद के आगामी सत्र की कार्यसूची में शामिल किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश सीमा को 100 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा था।
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