देहरादून(।एससी एसटी शिक्षक एसोसिएशन ने टीईटी अनिवार्यता मामले में सरकार से पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की मांग की है। इसे लेकर एसोसिएशन ने शिक्षा मंत्री और महानिदेशक शिक्षा को ज्ञापन भेजा है। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार टम्टा ने कहा कि 2010 से पूर्व प्रारंभिक शिक्षा में टीईटी की अनिवार्यता नहीं थी। इससे पूर्व नियुक्त शिक्षक तत्कालीन अर्हताएं पूरी करते हुए नियुक्त हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से प्रदेश के लगभग 12,000 शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं। इससे उनकी सेवा, पदोन्नति आदि प्रभावित हो रही है। इस फैसले से शिक्षकों में मानसिक तनाव बढ़ रहा है, जो शिक्षा व्यवस्था को भी प्रभावित करेगा। उत्तराखंड में भी कई शिक्षक अवसाद एवं चिंता से ग्रस्त हैं, यदि तत्काल राहत नहीं दी गई तो ऐसी घटनाएं यहां भी दोहराई जा सकती हैं। शिक्षक के कार्य का मूल्यांकन प्रतिवर्ष परीक्षाफल के माध्यम से होता है। इतनी लंबी सेवा के बाद शिक्षकों द्वारा पढ़ाए जा रहे पाठ्यक्रम से बाहर पुनः उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए बाध्य करना अनुचित है। एसोसिएशन ने 12,000 शिक्षकों और उनके परिजनों की स्थिति को देखते हुए शीघ्र ही विभाग की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करते हुए शिक्षकों को राहत प्रदान करने की मांग की है।