स्थायी विस्थापन और पूर्ण मुआवजा दे सरकार: हरीश रावत
चमोली। जोशीमठ पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पूरा जोशीमठ धंसाव की जद में है और सूबे के मुखिया यहां आकर प्रभावित परिवारों को मात्र 4 हजार मासिक किराया देने की घोषणा करते हैं, जो शर्म की बात है। हरीश रावत ने कहा कि जोशीमठ की जनता इस तबाही के लिए एनटीपीसी और बाईपास निर्माण को जिम्मेदार मान रही है इसलिए प्रधानमंत्री को चाहिए कि तत्काल बाईपास निमार्ण पर पुन: विचार किया जाए। एनटीपीसी का एक बार फिर से वैज्ञानिक सर्वे कराया जाए। यदि यहां हो रहे धंसाव के लिए यह परियोजना जिम्मेदार निकलती है तो तत्काल प्रभाव से एनटीपीसी परियोजना को बंद किया जाए।
जोशीमठ पहुंचे पूर्व सीएम ने यहां लोगों से मुलाकात कर उनका दुख बांटा, तहसील धरना स्थल में हरीश रावत ने कहा कि जोशीमठ के लोगों का पूर्ण विस्थापन जोशीमठ के निकट के ही सुरक्षित स्थानों में किया जाए। कहा कि एक नगर को बनने व बसने में हजारों वर्ष लगते हैं, यहां से लोगों की रोजी रोटी भी जुड़ी है इसलिए नगर के निकट के ही सुरक्षित स्थान में लोगों का पूर्ण विस्थापन हो। लोगों को उनके भवनों का पूरा बाजारी भाव दिया जाए।
विधायक भंडारी बोले, बंद हो एनटीपीसी
बदरीनाथ के विधायक राजेन्द्र भंडारी ने कहा कि जोशीमठ के दरक चुके भवनों को देखकर आंखें नम हो रही हैं, लेकिन सरकारी मशीनरी अभी तक बैठक में ही लगी हुई है, पूरा तंत्र संवेदनहीन होता जा रहा है। भंडारी ने कहा कि तत्काल प्रभाव से एनटीपीसी बिजली कंपनी को बंद किया जाना चाहिए। इस आपदा के समय भी प्रदेश सरकार के मुखिया बीजेपी एवं कांग्रेस में भेद कर उन्हें किसी भी राय मसविरे में शामिल नहीं कर रहे हैं। कहा कि लोगों को राहत शिविरों में और सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।
वहीं कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल और अनुक्रुति गुंसाई ने भी धरना स्थल में अपना समर्थन देते हुए प्रदेश सरकार को इस आपदा से लोगों को उबारने में अभी तक नाकाम बताया। कहा कि सरकार मात्र बैठकों में लगी है उसके पास अभी तक ठोस प्लान नहीं है।