मुजफ्फरनगर कांड के गवाहों को सुरक्षा मुहैया करवाएं सरकार
उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी मोर्चा ने उठाई मांग
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी मोर्चा ने 1994 में राज्य आंदोलन के दौरान हुए मुजफ्फरनगर कांड के गवाहों को मुजफ्फरनगर न्यायालय में पेशी के दौरान सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है। कहा कि शहीद आंदोलनकारियों व उनके परिवार को न्याय मिलें इसके लिए हम सभी को एकजुट होकर कार्य करना होगा।
सोमवार को उपजिलाधिकारी के माध्यम से गृह मंत्री अमित शाह को ज्ञापन भेजा गया। उत्तराखंड आंदोलनकारी अधिवक्ता संघ के अधिवक्ता रमन कुमार शाह और उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी मोर्चा के अध्यक्ष महेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि राज्य निर्माण आंदोलन के दौरान 2 अक्तूबर 1994 को दिल्ली जाते समय 1 अक्तूबर 1994 की रात्रि को मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा के पास तत्कालीन यूपी शासन के प्रशासन द्वारा आंदोलनकारियों पर बर्बर कार्रवाई की गई थी, जिसमें हत्याओं, गैंगरेप व छेड़खानी के 6 वाद मुजफ्फरनगर जिला जज की अदालत में चल रहे हैं। मामले में गवाहों की पेशी 2 मई को है। कहा कि आंदोलन के 28 साल बाद आंदोलनकारियों के वादों की साक्ष्य प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। ज्ञापन में केंद्रीय गृह मंत्री से पेशी के दौरान उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के गवाहों को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की गई है ताकि वे निर्भीक होकर न्यायालय में साक्ष्य पेश कर सकें। उन्होंने राजनीतिक संगठनों से भी मदद की अपील की है। कहा कि शहीद आंदोलनकारियों को न्याय मिलें इसके लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करना होगा। इस मौके पर दुर्गा काला, गुलाब सिंह रावत, संजू कश्यप, विनोद अग्रवाल, मान सिंह, जितेंद्र सिंह, हरपाल सिंह नेगी, नंद शिोर डबराल आदि मौजूद रहे।