उपनल कर्मियों और अतिथि शिक्षकों को नियमित करे सरकार: रावत

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देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक बार फिर उपनल कर्मियों का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि सरकार को बड़ा दिल दिखाते हुए सुप्रीम कोर्ट की ओर से सुझाए गए फार्मूले के अनुसार उपनल कर्मियों और अतिथि शिक्षकों को नियमित करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने खेल और युवा कल्याण विभाग के एकीकरण के राज्य सरकार के प्रस्ताव का विरोध किया है। मीडिया को जारी बयान में पूर्व सीएम रावत ने कहा कि भाजपा सरकार खेल और युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल विभाग के एकीकरण में अपनी शक्ति और सामर्थ्य लगाने की बेफिजूल कोशिश कर रही है। इसके बजाय राज्य सरकार को चाहिए कि वह अपनी क्षमता का उपयोग करते हुए उपनल कर्मियों और अतिथि शिक्षकों की सेवाओं के नियमितीकरण की दिशा में काम करे। उन्होंने कहा कि अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने एक फैसले में सरकार को इसका रास्ता दिखा दिया है।उन्होंने कहा कि सरकार को खेल और युवा कल्याण विभाग एवं प्रांतीय रक्षक दल विभाग को पूर्व की भांति अलग-अलग ही रहने देना चाहिए। क्योंकि सभी के कार्य अलग-अलग हैं और रूपरेखा भी अलग-अलग है। दोनों के विलय से खेल विभाग अपने उद्देश्यों की पूर्ति से दूर होता जाएगा। उन्होंने कहा कि बजाए विभागों के विलय के सरकार प्रदेश में 60 हजार के करीब जो सरकारी पद रिक्त पड़े हैं, सरकार को चाहिए कि बड़े स्तर पर भर्ती अभियान चलाए और इसके लिए वार्षिक भर्ती कैलेंडर जारी करे।

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