भू-कानून व मूल निवास लागू करने को सरकार दिखाए गंभीरता

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भू-कानून व मूल निवास को विभिन्न संठनों ने तहसील परिसर में दिया धरना
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : लगातार उठ रही मांग के बाद भी भू-कानून व मूल निवास लागू नहीं होने पर विभिन्न संगठनों ने रोष व्यक्त किया है। सोमवार को कोटद्वार शहर के पूर्व सैनिक, महिला संगठन सहित अन्य संगठनों ने तहसील में धरना दिया। कहा कि प्रदेश को बचाने के लिए भू-कानून व मूल निवास को लागू करना अति आवश्यक है। सरकार को इसके लिए गंभीरता दिखानी चाहिए।
सोमवार को पूर्व सैनिक, छात्र संगठनों व महिला संगठनो से जुड़े सदस्य तहसील परिसर में एकत्रित हुए। यहां से उन्होंने उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजा। वक्ताओं ने कहा कि राज्य गठन के 23 वर्ष बीत जाने के बाद भी प्रदेशवासी अपने अधिकारों को तरस रहे हैं। हालत यह है कि पर्वतीय क्षेत्रों में सैकड़ों नाली भूमि बाहरी व्यक्तियों को बेची जा रही है। पहाड़ में कई ऐसे में परिवार हैं जो भूमिहीन हो चुके हैं। कहा कि प्रदेशवासी सरकार से लगातार भू-कानून व मूल निवास लागू करने की मांग उठा रहे हैं। बावजूद सरकार चुप्पी साधे हुए है। कहा कि प्रदेश को बचाने के लिए भू-कानून व मूल निवासी लागू करना अति आवश्यक है। धरना देने वालो में महेंद्र पाल सिंह रावत, जसवीर राणा, अनिल खंतवाल, राकेश भंडारी, अनिल रावत, सुखपाल शाह, प्रवेंद्र रावत, सूरज प्रसाद कांति, गुड्डू चौहान, नंद सिंह रावत, सुरेश पाल, देवानंद डोभाल, बलवीर सिंह, विक्रम सिंह रावत, धर्मपाल बिष्ट, मोहन पोखरियाल आदि मौजूद रहे।

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