पेंसनर्स के हित में काम करें सरकार
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : गवर्नमेंट पेंसनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने पेंसनर्स की अनदेखी होने पर रोष व्यक्त किया है। इस दौरान एसोसिएशन ने गोल्डन कार्डधारकों को ओपीडी व दवाई भी नि:शुल्क देने की मांग की है। कहा कि पेंसनर्स के हित को देखते हुए सरकार को गंभीरता से कार्य करना चाहिए।
एसोसिएशन के अध्यक्ष जयवीर सिंह रावत व चंद्रप्रकाश नैथानी ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। बताया कि राज्य सरकार द्वारा सेवानिवृत्त होने वाले सेवकों को दस माह के वेतन का समतुल्य राशि एक मुश्त प्रदान की जाती है। वर्ष 1987 से इसकी कटौती संबंधित सेवक की पेंशनराशि से 15 वर्ष यानी 180 माह तक की जाती है। उस समय प्रचलित व्याज की दर 12 प्रतिशत से अधिक होने के अनुसार कटौती की अवधि आंकलित की गई थी। जबकि, वर्तमान ब्याज दर तीन प्रतिशत से लेकर वरिष्ठ नागरिकों को 6.8 प्रतिशत है। वर्तमान व्याज दर आंकलन करने से संपूर्ण राशिकरण की राशि की वसूली दस वर्ष आठ माह यानि अधिकतम 11 वर्ष तक पूर्ण हो जाती है। जबकि वसूली 15 वर्ष तक की जा रही है। प्रकाश में आया है कि गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश केरल में उच्च न्यायालय के दरवाजे कर्मचारी संगठनों द्वारा खटखटाये गए और कई प्रदेशों ने 11 वर्ष पूर्ण होने पर राशिकरण की राशि की कटौती पर तत्काल रोक लगा दी है। वहीं, सेवानिवृत्त एवं परिवारिक पेंशन पाने वाले कर्मचारी से भी गोल्डन कार्ड कटौती की दरें सेवारत कर्मचारियों के समान है। जबकि, सेवारत कर्मचारी के कम से कम चार लाभार्थी इससे आच्छादित हैं और पेंशनर की पेंशन आधी और लाभार्थी की संख्या केवल दो ही है। सामान्यत वृद्धजनों की गंभीर बीमारियों में भी शल्य चिकित्सा संभव नहीं होती है। अत: सामान्य बीमारियों में गोल्डन कार्ड धारक को ओपीडी व दवाईयां नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जाएं। साथ ही स्वास्थ्य प्राधिकरण में सेवानिवृत्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के स्थान पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए। इस मौके पर श्याम प्रसाद कोटनाला, प्रवेश नवानी, रघुवीर सिंह रावत, हरीश मैंदोला, महेंद्र नेगी, वाचस्पति बहुखंडी, वीरेंद्र रावत, सुधीर असवाल आदि मौजूद रहे।