राजकीय शिक्षक संघ ने 60 शिक्षकों को निष्कासित किया

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देहरादून।माध्यमिक शिक्षकों की चॉकडाउन हड़ताल का व्यापक असर दिखने लगा है। राजकीय शिक्षक संघ ने भी हड़ताल को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। हड़ताल से अलग शिक्षकों पर संगठन ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है। ऐसे 60 शिक्षकों को दो साल के लिए राजकीय शिक्षक संघ से निष्कासित कर दिया गया है। वहीं, करीब दो हजार प्रभारी प्रधानाचार्यों को भी पद छोड़कर हड़ताल में शामिल होने के लिए कहा गया है। चॉकडाउन हड़ताल के चौथे दिन भी राज्यभर के माध्यमिक स्कूलों में पठन-पाठन पूरी तरह ठप रहा। शिक्षकों की हड़ताल के बीच अब प्रभारी प्रधानाचार्य भी पदभार छोड़कर हड़ताल में शामिल होने जा रहे हैं। राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि करीब दो हजार प्रभारी प्रधानाचार्य भी पदोन्नति प्रक्रिया शुरू होने तक पदभार ग्रहण नहीं करेंगे। इधर, प्रदेश महामंत्री रमेश पैन्यूली ने बताया संघ विरोधी गतिविधियों के चलते 60 शिक्षकों को दो साल के लिए संगठन से निष्कासित कर दिया गया है। इसमें चमोली जिले के आठ, टिहरी के 32, रुद्रप्रयाग के दो, बागेश्वर के नौ शिक्षक शामिल हैं। मालूम हो कि कई शिक्षक प्रधानाचार्य सीधी भर्ती का खुले तौर पर समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने खुद को हड़ताल से अलग रखा हुआ है। ऐसे शिक्षकों के खिलाफ संगठन स्तर पर कार्रवाई शुरू की गई है। महामंत्री रमेश पैन्यूली ने बताया कि ऐसे शिक्षकों की संख्या काफी कम है और सभी शिक्षक एकजुटता के साथ मांगों को लेकर हड़ताल में शामिल हैं। वहीं, भर्ती समर्थक शिक्षकों में संगठन की कार्रवाई से आक्रोश है। भर्ती समर्थक शिक्षकों ने गुरुवार को भी स्कूल में शिक्षण कार्य किया। उनका कहना है कि वह बाकी सभी मांगों को लेकर संगठन के साथ हैं, लेकिन संगठन के कुछ पदाधिकारी जबरन उन्हें निशाना बना रहे हैं। इधर, बोर्ड परीक्षा अंक सुधार मूल्यांकन का काम भी हड़ताल की वजह से प्रभावित हुआ है। हल्द्वानी और देहरादून में शिक्षक अंक सुधार मूल्यांकन का बहिष्कार कर रहे हैं। इसे देखते हुए शिक्षा विभाग ने बहिष्कार कर रहे शिक्षकों को कार्य से रिलीव करना शुरू कर दिया है।

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