आशा बोली परिवार के भरण पोषण लायक वेतन दे सरकार
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। राजकीय कर्मचारी घोषित करने और मानदेय बढ़ाए जाने सहित 12 सूत्रीय मांगों को लेकर की मांग को लेकर 51वें दिन भी आशाओं का प्रदर्शन जारी रहा। आशा कार्यकत्रियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगों पर सरकार शासनादेश जारी नहीं करेगी तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंंने कहा कि सरकार को परिवार के भरण पोषण लायक मानदेय देना चाहिए। एक ओर तो सरकार भिन्न-भिन्न काम कराने का आदेश जारी कर देती है वहीं मानदेय के नाम पर मात्र दो हजार रूपये दिये जा रहे है।
मंगलवार को तहसील परिसर में प्रदर्शन करते हुए आशा कार्यकत्रिओं ने कहा कि वह पिछले 51 दिन से 12 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रही है, लेकिन सरकार उनकी उपेक्षा कर रही है। सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है। जिससे आशाओं में आक्रोश पनप रहा है। आशाओं ने प्रदेश सरकार से सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, न्यूनतम 21 हजार रुपये का मानदेय देने, जब तक मानदेय और कर्मचारियों का दर्जा मिलने तक अन्य विभागों से योजनाओं में लगे कार्मिकों की तरह मानदेय देने, सेवानिवृत्त होने पर पेंशन की सुविधा देने, कोविड कार्यों में लगी आशा कार्यकत्रियों को दस हजार रुपये मासिक भत्ता, 50 लाख रुपये का बीमा और दस लाख का स्वास्थ्य बीमा देने सहित 12 सूत्रीय मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की। प्रदर्शन करने वालों में अध्यक्ष प्रभा चौधरी, उपाध्यक्ष मीरा नेगी, सचिव रंजना कोटनाला, नीलम कुकरेती, रेखा देवी, सुनीता रावत, रीना देवी, कल्पना बिष्ट, प्रीति, प्रमिला गुसांई, सीमा शाही, मंजू नेगी, रेखा, मिनाक्षी, सुरभि, गोदाम्बरी, भागीरथी भंडारी आदि शामिल थे।