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तीन बीमा कंपनियों में अगले वर्ष पूंजी डालेगी सरकार, 2023 के प्रदर्शन के आधार पर वित्त मंत्रालय तय करेगा राशि

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नई दिल्ली, एजेंसी। सार्वजनिक क्षेत्र की तीन साधारण बीमा कंपनियों की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए सरकार अगले वर्ष उनमें पूंजी डाल सकती है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है। सरकार ने पिछले वर्ष तीन बीमा कंपनियों- नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी में पांच हजार करोड़ रुपये की पूंजी डाली थी।
अधिकारी ने बताया कि वित्त वर्ष 2023 के प्रदर्शन के आधार पर वित्त मंत्रालय तय करेगा कि इन कंपनियों को नियामकीय आवश्यकताओं के अनुरूप कितनी पूंजी की जरूरत होगी। उन्होंने बताया कि यह कंपनियां अच्छी स्थिति में नहीं हैं और उनका साल्वेंसी मार्जिन बढ़ाने के लिए फंड डाला जाएगा।
साल्वेंसी मार्जिन वह पूंजी होती है, जो कंपनियों द्वारा वहन की जाने वाली संभावित दावा राशि से अधिक होनी चाहिए। यह राशि विपरीत परिस्थितियों में वित्तीय बैकअप के रूप में कार्य करती है, जिससे कंपनी को सभी दावों का निपटान करने में मदद मिलती है। इरडा के नियमों के अनुसार, बीमा कंपनियों को अपने पास 150 प्रतिशत साल्वेंसी मार्जिन रखना जरूरी है।
अधिकारी ने कहा कि 2023-24 के बजट में बीमा कंपनियों में पूंजी डालने के लिए कोई आवंटन नहीं किया गया है, लेकिन अनुपूरक मांग के जरिये पूंजी जुटाई जा सकती है। 2020-21 के दौरान सरकार ने तीनों बीमा कंपनियों को 9,950 करोड़ रुपये की पूंजी दी थी। इसमें से यूनाइटेड इंडिया को 3,605, नेशनल इंश्योरेंस को 3,175 और ओरिएंटल इंश्योरेंस को 3,170 करोड़ रुपये मिले थे।

 

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