उत्तराखंड

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) का तीन वर्ष का कार्यकाल पूर्ण

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

देहरादून(आरएनएस)। लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने 15 सितंबर, 2024 को उत्तराखण्ड के राज्यपाल के पद पर 3 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। पदभार ग्रहण करते ही उन्होंने उत्तराखण्ड के विकास के लिए रिवर्स पलायन, महिला सशक्तीकरण एवं बालिका शिक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं तकनीकी, जैविक एवं प्राकृतिक कृषि और वेलनेस पाँच मिशन निर्धारित किए। इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए वे लगातार प्रयासरत हैं।
उच्च शिक्षा में सुधार हेतु प्रभावी कदम
कुलपति चयन:
राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के इंटरेक्शन में पारदर्शिता लाने के लिए इंटरेक्शन की वीडियो रिकॉर्डिंग की शुरुआत की है। उन्होंने विश्वविद्यालयों की जवाबदेही और स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए नियुक्तियों तथा कार्य परिषदों की बैठकों में पूर्ण पारदर्शिता तथा शुचिता के दृष्टिगत बैठकों तथा तत्संबंधी कार्यवाहियों की नियमित रूप से वीडियो रिकॉर्डिंग करने के निर्देश जारी किये हैं।

वन यूनिवर्सिटी वन रिसर्च:
राज्यपाल द्वारा सभी विश्वविद्यालयों और 5 निजी विश्वविद्यालयों को राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास हेतु एक वर्ष तक अपने गहन शोध के माध्यम से लघु शोध प्रबन्ध प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए है। विश्वविद्यालयों द्वारा अपनी विशेषज्ञता के अनुसार अपने शोध के विषय का चयन किया गया है जिसकी रिपोर्ट जनवरी 2025 तक प्रस्तुत की जानी है।

उत्तराखण्ड कॉलेज एफिलिएशन पोर्टल:
राज्यपाल के कुशल निर्देशन में राजकीय विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध महाविद्यालयों एवं संस्थानों की संबद्धता प्रक्रिया को सुगम एवं प्रभावी बनाये जाने के दृष्टिगत उत्तराखण्ड कॉलेज एफिलिएशन पोर्टल तैयार किया गया है। इसके अंतर्गत सम्बद्धता देने वाले 05 विश्वविद्यालयों की संबद्धता प्रक्रिया ऑनलाइन चल रही है इससे संबद्धता प्रक्रिया पारदर्शी होने के साथ-साथ समयबद्ध ढंग से चल रही है।

यूनिवर्सिटी कनेक्ट और यूनिसंगम मोबाइल एप:
राज्यपाल की प्रेरणा से राजकीय विश्वविद्यालयों के लिए ‘‘यूनिवर्सिटी कनेक्ट उत्तराखण्ड’’ और निजी विश्वविद्यालयों के लिए ‘‘यूनिसंगम’’ मोबाइल एप का प्रारंभ किया है जिसके द्वारा सभी विश्वविद्यालयों के पास अपनी उपलब्धियों, बेस्ट प्रैक्टिसेज, कार्यक्रमों, विषय-विशेषज्ञों, सूचनाओं, स्टार्टअप, शोध और विकास को आपस में और राजभवन के साथ ऑनलाइन संवाद के जरिये साझा किए जाने की सुविधा उपलब्ध है।

निजी विश्वविद्यालयों की बैठक:
राज्यपाल की पहल पर निजी विश्वविद्यालयों की बैठकें अब निरंतर की जा रही है। उन्होंने निजी विश्वविद्यालयों को एक प्लेटफार्म में लाने प्रयास किए गए हैं जिससे वे प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!