राज्यपाल मौर्य ने सपरिवार द्वादश ज्योतिर्लिंग जागेश्वर मंदिर समूह में रुद्राभिषेक पाठ कराया
पुजारियों को बाहर किए जाने से आक्रोश
अल्मोड़ा। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सोमवार को सपरिवार द्वादश ज्योतिर्लिंग जागेश्वर मंदिर समूह में रुद्राभिषेक कराने के लिए पहुंचीं। महामहिम ने करीब 30 मिनट तक विशेष पूजन किया। महामृत्युंजय मंदिर के गर्भगृह में प्रबंधन समिति की ओर से रुद्राभिषेक की व्यवस्था कराई गई। हालांकि इस दौरान मंदिर में जाप कर रहे पुजारियों को बाहर निकाल दिया गया। इसको लेकर पुजारियों में रोष है। बाद में राज्यपाल ने न्याय एवं कुमाऊं के लोकदेवता गोल्ज्यू महाराज के चितई स्थित मंदिर के भी दर्शन किए। उन्होंने कहा कि देवभूमि आध्यात्मिक व अपनी नैसर्गिक सुंदरता के कारण पूरे विश्व में विशिष्ट पहचान रखता है।
राज्यपाल बेबी रानी बीती शाम आरतोला पहुंची थीं। सोमवार को उन्होंने जागेश्वर मंदिर समूह के दर्शन कर रुद्राभिषेक पाठ कराया। इससे पूर्व पुजारी प्रतिनिधि पं. भगवान भट्ट, मुख्य पुजारी पं. हेमंत भट्ट व आचार्य गिरीश भट्ट ने राज्यपाल व परिजनों को रुद्राक्ष माला एवं अंगवस्त्र भेंट किए। राज्यपाल ने विश्व को कोरोना से मुक्ति दिलाने व संक्रमितों के स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना भी की। जागेश्वरधाम में डीएम एवं मंदिर प्रबंधन समिति अध्यक्ष नितिन सिंह भदौरिया, एसएसपी पंकज भट्ट, एसडीएम मोनिका, प्रबंधक भगवान भट्ट, उपाध्यक्ष गोविंद गोपाल, पुजारी प्रतिनिधि भगवान भट्ट, मुख्य पुजारी पंडित हेमंत भट्ट, आचार्य गिरीश भट्ट, पं. कौश्तुभानंद भट्ट, पं.भैरव भट्ट, आचार्य निर्मल भट्ट आदि ने राज्यपाल का अभिनंद किया।
जल्द कोटगाड़ी माता मंदिर आएंगी राज्यपाल: जागेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी पं. हेमंत भट्ट ने राज्यपाल से आरतोला में 20 मिनट की शिष्टाचार भेंट की। जागेश्वरधाम से जुड़े विषयों के साथ ही जाप एवं अनुष्ठान आदि विषयों पर गहन चर्चा की। जागेश्वर मंदिर समूह, वृद्ध जागेश्वर, कोटगाड़ी मंदिर तथा पाताल भुवनेश्वर की गुफा से संबंधित प्राचीन मान्यताएं व महत्व के बारे में राज्यपाल को अवगत कराया। राज्यपाल ने प्रधान पुजारी पं. हेमंत को आश्वस्त किया कि वह बहुत जल्द कोटगाड़ी देवी मंदिर व पाताल भुवनेश्वर की गुफा के दर्शन को आएंगी।
पुजारियों को बाहर किए जाने पर आक्रोश : राज्यपाल बेबीरानी मार्य के जागेश्वर मंदिर में पहुंचते ही प्रबंधन समिति के कुछ पदाधिकारियों ने धाम में जाप कर रहे पुरोहितों को मंदिर गेट से बाहर कर दिया। बारीदार पुजारियों व मुख्य पुजारी से महामहिम के लिए रुद्राभिषेक पूजन तक नहीं कराया गया। मुख्य पुजारी पं. हेमंत भट्ट के अनुसार जो पुजारी पंजीकृत नहीं हैं, उनसे रुद्राभिषेक पाठ कराया गया। बारीदार पंजीकृत पुजारियों को पूजा कर्म से दूर किए जाने से उनमें समिति के खिलाफ आक्रोश है। बारीदार पुजारियों ने आरोप लगाया कि प्रबंधन समिति के कुछ पदाधिकारी जागेश्वरधाम के नियमों को तोडऩे पर आमादा हैं। इधर मंदिर समिति प्रबंधक भगवान भट्ट ने कहा कि 74 पुजारियों की ओर से चुने गए पुजारी प्रतिनिधि पं.भगवान भट्ट की अगुआई में राज्यपाल के लिए रुद्राभिषेक पाठ कराया गया। बीती 15 अप्रैल से जागेश्वरधाम में भौतिक पूजा प्रतिबंधित है। एक जुलाई से भौतिक पूजन का प्रस्ताव पारित किया गया है।
जागेश्वर की तरह चितई मंदिर कमेटी बनाएंगे: डीएम
राज्यपाल बेबी रानी मार्य ने मंदिर समूह के पास वाहन पार्किंग, पार्क व अन्य मूलभूत सुविधाओं को बेहतर किए जाने की जरूरत बताई। डीएम से जागेश्वरधाम में कराए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी ली। कहा कि प्रशासन व मंदिर समिति देश विदेश के श्रद्धालुओं को बेहतर बुनियादी सुविधाएं दिलाने को प्रयास करें। डीएम ने बताया कि चितई मंदिर न्याय देवता गोल्ज्यू का दरबार है। यहां लोग न्याय के लिए अर्जी लगाते हैं। उन्होंने जागेश्वर मंदिर की भांति चितई में भी कमेटी बनाने की बात कही। इस दौरान राज्यपाल के एडीसी मुनीद सूद, रचिता जुयाल भी मौजूद रहीं।