ग्रामीणों ने श्रमदान कर किया अस्थायी पैदल पुल का निर्माण

Spread the love

रुद्रप्रयाग। हाट- बस्टी-बांसवाड़ा मोटरमार्ग को गौरीकुंड हाईवे से जोड़ने के लिए ग्रामीण काफी समय से पुल निर्माण की मांग कर रहे थे। लेकिन, जब शासन-प्रशासन के कानों तक ग्रामीणों की आवाज नहीं पहुंची तो ग्रामीणों ने श्रमदान करके स्वयं ही अस्थायी पैदल पुल का निर्माण कर दिया। पुल न होने से ग्रामीणों को वाहन से तकरीबन 35 किमी अतिरिक्त सफर तय करना पड़ता था। रविवार को अस्थायी पुल पर आवाजाही शुरू होने से अब ग्रामीण पुल के एक तरफ वाहन से उतर कर पैदल सीधे अपने गंतव्य को जा सकेंगे। उन्हें वाहन से लंबा फेरा नहीं लगाना पड़ेगा। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत वर्ष 2002 में हाट बस्टी-बांसवाड़ा मोटरमार्ग को शासन की स्वीकृति मिली थी। मोटरमार्ग निर्माण हुए लगभग एक दशक बीत चुका है। लेकिन, अभी हाट गांव के पास गौरीकुंड हाईवे से जोड़ने के लिए पुल निर्माण नहीं हो सका है। यदि पुल बन जाता तो ग्रामीणों को हाईवे पर आने के लिए मात्र एक किमी का सफर तय करना पड़ता। वर्तमान में ग्रामीणों को लगभग 35 किमी का अतिरिक्त सफर करना पड़ रहा था। ग्रामीण कई बार शासन प्रशासन से पुल निर्माण के लिए गुहार लगा चुके हैं। लेकिन, अभी पुल निर्माण नहीं हो सका है। ग्रामीणों ने फिलहाल मंदाकिनी नदी पर गवनी गांव के पास एक अस्थायी पैदल पुल का निर्माण कर दिया है। जिससे हाईवे पर पहुंचने के लिए कुछ हद मिल गई है।
सामाजिक कार्यकत्र्ता सतेंद्र पडियार ने बताया कि पुल न बनने से ग्रामीणों को चार पांच किमी पैदल चलकर चन्द्रापुरी या गंगानगर तक आना पड़ रहा था। हाट गांव के प्रधान रामचन्द्र गोस्वामी ने बताते हैं कि पिछले दो-तीन वर्षों से लोनिवि ऊखीमठ यहां पर अस्थायी पैदल पुल बनाता था। लेकिन, इस बार लोनिवि ने बजट की कमी के कारण पुल बनाने से हाथ खड़े कर दिए। जिसके बाद ग्रामीणों ने श्रमदान से एक अस्थायी पुल का निर्माण किया है। जिससे कुछ राहत मिली है।
लोनिवि ऊखीमठ के अधिशासी अभियंता मनोज भट्ट का कहना है कि हाट बस्टी बांसवाड़ा मोटरमार्ग को गौरीकुंड हाईवे से जोड़ने के लिए गवनी गांव में मंदाकिनी नदी पर 100 मीटर स्पान का पुल बनना प्रस्तावित है। पुल के डिजाइन में अंतर आने से दो माह पूर्व शासन को 19 करोड़ रुपये की रिवाइज डीपीआर भेजी गई है। बजट की स्वीकृति मिलते ही पुल निर्माण का कार्य शुरू किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *