खोह नदी के उफान पर आने के बावजूद रेत एकत्रित कर रहे श्रमिक
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : पल-पल बदलते मौसम से क्षेत्र की नदियां उफान पर बह रही हैं। बावजूद कुछ श्रमिक अपनी जान की परवाह किए बिना नदी से रेत एकत्रित करने के कार्य में जुटे हुए हैं। ऐसे में उनकी यह लापरवाही कब जीवन पर भारी पड़ जाए, कहा नहीं जा सकता।
कोटद्वार व आसपास के पर्वतीय इलाकों में पिछले एक सप्ताह से लगातार वर्षा हो रही है। ऐसे में क्षेत्र के नदी नाले उफान पर बह रहे हैं। नदी के वेग की परवाह किए बिना कुछ श्रमिक अपनी जान दांव पर लगा रहे हैं। खोह नदी के गिवईस्रोत, काशीरामपुर तल्ला, गाड़ीघाट क्षेत्र में नदी किनारे रेत एकत्रित करने वालों का जमावड़ा लगा रहता है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि इस जमावड़े में बड़ी संख्या में महिलाएं व बच्चे भी शामिल हैं। ऐसे में रेत का यह लालच श्रमिकों के जीवन पर भारी पड़ सकता है। दरअसल, कई बार कोटद्वार में वर्षा नहीं होती। जबकि, पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा से खोह नदी उफान पर बहने लगती है।
बॉक्स समाचार
रात को ट्रैक्टर से होती है सप्लाई
सुबह के समय श्रमिक नदी किनारे रेत एकत्रित करते हैं। जबकि, रात के समय इस रेत को ट्रैक्टर-ट्राली में भरकर स्टोर तक पहुंचाया जाता है। अवैध तरीके से चल रहे इस काम की स्थानीय पुलिस व प्रशासन को जानकारी तक नहीं है। जबकि, वर्तमान में नदी के आसपास लोगों को जाने से रोकने के लिए लगातार पुलिस अलाउसमेंट भी करती रहती है। स्थिति देखकर लगता है कि सरकारी सिस्टम भी किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है।