आबादी में बढ़ रही हाथी की धमक, तबाह की काश्तकारों की फसल
महाविद्यालय के समीप हाथी ने तोड़ी घर की दीवार गेहूं व फेले के पेड़ भी किए तबाह
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: वन विभाग के लाख दावों के बाद भी आबादी में हाथियों की धमक थमने का नाम नहीं ले रही है। गुरुवार रात महाविद्यालय के समीप जौनपुर में हाथी ने एक घर की दीवार को तोड़ दिया। पूरी रात क्षेत्र में आतंक मचा रहे हाथी ने काश्तकारों के खेतों में खड़ी गेहूं की फसल की रौंद डाली। साथ ही केले के पेड़ भी उखाड़ दिए।
क्षेत्र में पिछले कई माह से हाथियों का आतंक बढ़ता जा रहा है। शाम ढ़लते ही हाथी आबादी में पहुंचकर उत्पात मचा रहा है। गुरुवार रात राजकीय महाविद्यालय कोटद्वार के समीप पहुंचे हाथी ने काश्तकार सुनील बड़थ्वाल के खेत में खूब उत्पात मचाया। हाथी ने कई बीघा खेत में खड़ी गेहूं की फसल को बर्बाद कर दिया। साथ ही केले के पड़े भी उखाड़ दिए। काश्तकार सुनील बड़थ्वाल ने बताया कि रात के समय जब उन्हें खेत में हाथी घुसने की सूचना मिली तो उन्होंने इसकी जानकारी वन विभाग को दी। लेकिन, मौके पर टीम नहीं पहुंची। पूरी रात जागकर उन्होंने कड़ी मशक्कत के बाद हाथी को भगाया। बताया कि खेत से वापस जंगल की ओर लौटते समय हाथी ने उनके घर की दीवार भी तोड़ दी। आबादी में पहुंच रहे हाथी से जानमाल का खतरा बना हुआ है। रात के समय हाथी काफी देर तक उनके घर के आंगन में भी घूमता रहा।
लैंसडौन वन प्रभाग क्षेत्र से सटे रामपुर में लगातार हाथी की धमक बनी हुई है। गुरुवार रात हाथी ने काश्तकार कमल सिंह रावत, पुष्कर पाल सिंह रावत के खेत में घुसकर गेहूं की फसल चट कर दी। देर रात तक क्षेत्रवासी हाथी को जंगल में खदेड़ने के प्रयास में जुटे रहे। क्षेत्रवासियों ने आबादी क्षेत्र में बढ़ रही हाथी की धमक पर रोष व्यक्त किया है। कहा कि कई बार शिकायत के बाद भी वन विभाग क्षेत्र में रात्रि गश्त बढ़ाने की सुध नहीं ले रहा। हाथियों को रोकने के लिए बनाई गई सुरक्षा दीवार भी सफेद हाथी बनकर रह गई है।