अल्मोड़ा। उत्तराखंड में अतिथि शिक्षकों का आक्रोश अब आंदोलन का रूप ले चुका है। गुरुवार को बड़ी संख्या में अतिथि शिक्षकों ने मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय अल्मोड़ा का घेराव किया और ग्रीष्मावकाश एवं दीर्घावकाश के दौरान वेतन न मिलने पर नाराजगी जताई। शिक्षकों ने कहा कि यह आंदोलन अब अनिश्चितकालीन धरने के रूप में जारी रहेगा। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि बीते कई वर्षों से उन्हें ग्रीष्मावकाश और दीर्घावकाश के दौरान मानदेय मिलता आया है, लेकिन वर्ष 2025 में इस अवधि का मानदेय आहरित नहीं किया गया। इससे नाराज होकर उन्हें मजबूरन धरने पर बैठना पड़ा है। संगठन की जिलाध्यक्ष डोली धौनी ने कहा कि जब तक शिक्षकों का वेतन आहरित नहीं होता, तब तक धरना जारी रहेगा। उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी से मांग की कि अविलंब जून और जनवरी माह का रोका गया मानदेय दिया जाए। इस मामले पर मुख्य शिक्षा अधिकारी अत्रेश सयाना ने कहा कि अतिथि शिक्षकों को शासनादेश के अनुरूप कार्य अवधि का ही वेतन दिया जा रहा है। जितने दिन वे विद्यालयों में कार्यरत रहते हैं, उसी अवधि का भुगतान किया जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी जिले में ग्रीष्मावकाश और दीर्घावकाश के समय का मानदेय नहीं दिया जा रहा है। सभी स्थानों पर शासनादेश का पालन करते हुए ही भुगतान किया जा रहा है और अल्मोड़ा में भी वही प्रक्रिया अपनाई जा रही है।