कोटद्वार-पौड़ी

दुगड्डा की मासूम बच्ची का हत्यारा गुलदार पिंजरे में कैद- गत 10 अप्रैल की देर शाम दादी के साथ खेल रही मासूम के साथ हुई थी घटना

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
पहाड़ी क्षेत्रों में जंगली जानवर ग्रामीणों के लिए अभिशाप बनते जा रहे हैं। दुगड्डा ब्लाक के गोदी बड़ी गांव में दादी की गोद में खेल रही मासूम को गुलदार ने अपना निवाला बना लिया था। जिसके बाद वन विभाग की ओर से लगाए गए पिंजरे में देर रात मासूम का हत्यारा गुलदार फंस गया। गुलदार के पिंजरे में कैद होने के बाद वन विभाग के साथ-साथ ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली है।
गत 10 अप्रैल की देर शाम दादी के साथ खेल रही मासूम (माही उम्र 3) को गुलदार ने झपट्टा मारकर 200 मीटर गहरी खाई में ले गया था। ग्रामीणों के शोर मचाने पर गुलदार बच्ची को झाड़ी में छोड़ कर जंगल में भाग गया था। ग्रामीणों ने घायल मासूम को हॉस्पिटल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। जिसके बाद से ही गांव में दहशत का माहौल बन गया था। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग ने गांव और आसपास के क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी थी। वन विभाग ने तत्काल गांव के आसपास और आने वाले रास्ते पर 6 ट्रैपिंग कैमरे लगाए थे। इसके बाद ग्रामीणों की मांग पर तीन पिंजरे गांव के आसपास लगाये गये थे, लेकिन दो दिन तक गुलदार पिंजरे के आसपास भी नहीं आया। ट्रैपिंग कैमरों की मदद से वन विभाग की एसओजी टीम ने गुलदार के मूमेंट का पता लगाया गया और पिंजरों के डायरेक्शन को चेंज किया। जैसे ही पिंजरों का डायरेक्शन चेंज हुआ। वैसे ही गुलदार पिंजरे में फंस गया।
लैंसडौन वन प्रभाग के डीएफओ दीपक सिंह का कहना है कि यह वन विभाग के लिये बहुत बड़ी उपलब्धि है, 12 वर्षीय गुलदार को बिना नुकसान पहुंचाए। पिंजरे में कैद कर लिया गया। इसमें ट्रैपिंग कैमरों का अहम रोल रहा है। जिसकी मदद से पिंजरे को बार-बार वैज्ञानिक तरीके से बदला जा रहा था और गुलदार पिंजरे में कैद हो गया है। गुलदार को चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर भेजा जा रहा है, जहां पर उसकी मेडिकल जांच होगी। उसके बाद उसे किसी चिड़ियाघर में रखने का विचार किया जाएगा।

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