तीन दिन पूर्व श्रमिकों के डेरे से मासूम को उठाकर बनाया था निवाला
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : सतपुली मल्ली क्षेत्र में गुलदार की धमक थमने का नाम नहीं ले रही। तीन दिन पूर्व जहां गुलदार ने नेपाली श्रमिक के डेरे से मासूम को उठाकर निवाला बनाया था वहीं, रविवार रात भी गुलदार ने डेरे में सो रहे एक बच्चे पर हमले का प्रयास किया। डेरे में मौजूद पिता ने बच्चे को जकड़कर पड़ लिया था। लगातार गुलदार की घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने वन विभाग से गुलदार को आदमखोर घोषित कर उसे मारने की मांग उठाई।
मालूम हो कि, तीन दिन पूर्व सतपुली मल्ली में गुलदार ने डेरे में बैठे तीन वर्षीय मासूम को उठाकर उसे निवाला बना दिया था। वन विभाग व पुलिस ने मासूम का शव डेरे से कुछ दूर झाड़ियों से बरामद किया। इस घटना के बाद नेपाली श्रमिको के डेरे को अन्यत्र शिफ्ट कर दिया गया। डेरा पूर्व के स्थान से करीब दो किलोमीटर आगे गुमखाल की तरफ शिफ्ट किया गया। पूर्व में हुई घटना को अभी लोग भूले भी न थे कि बीती रात गुलदार ने पुन: श्रमिकों के डेरे पर हमला किया। रात्रि करीब साढ़े ग्यारह बजे गुलदार श्रमिक तिलक के टेंट के समीप पहुंचा और टेंट के भीतर सो रहे उसके नौ वर्षीय बालक सूरज का हाथ मुंह में दबाकर उसे बाहर खींचने का प्रयास करने लगा। बच्चे के चीखते ही तिलक ने उसे जकड़कर पकड़ लिया था। इसके बाद डेरे के श्रमिक एकजुट हुए और गुलदार को मौके से खदेड़ा। इधर, सुबह होने पर लड़के को उपचार के लिए सतपुली हॉस्पिटल ले जाया गया है। गुलदार के हमले में लड़के के हाथ पर घाव बन गया। सूचना के बाद वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची। इस दौरान ग्रामीणों ने वन विभाग से गुलदार को आदमखोर घोषित कर उसे मारने की मांग उठाई। कहा कि गुलदार के आतंक से ग्रामीणों का घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल होता जा रहा है। सबसे अधिक खतरा बच्चों को बना हुआ है।