बागेश्वर। दो दिन पहले ही गुलदार के एक शावक को वन विभाग की टीम पकड़ कर ले गई थी, लेकिन दो दिन बाद ही जिला मुख्यालय से लगे कफौली गांव में सोमवार की रात एक गुलदार का शावक घर में घुस गया। त्रिलोक पांडे ने हिम्मत दिखाकर गुलदार को एक प्लास्टिक की टोकरी में कैद कर लिया। बाद में वन विभाग की टीम उसे रेस्क्यू कर ले गई। सोमवार की रात करीब आठ बजे कफौली निवासी त्रिलोक पांडेय की पत्नी कमला देवी आंगन में बने टिन शेड में खाना बना रही थी। वहीं पर उनकी बेटी भी बैठी थी। इसी दौरान आंगन में गुलदार के शावक को देख उसके पीछे उनका कुत्ता दौड़ पड़ा। कुत्ते को आता देख शावक किचन की ओर जाने लगा। यह देख कमला और उनकी बेटी के होश उड़ गए। वह शोर मचाते हुए अंदर को भागे। शोर सुनकर त्रिलोक मौके पर पहुंचे और उन्होंने पास में पड़ी एक प्लास्टिक की टोकरी गुलदार के ऊपर फेंकी और टोकरी में शावक कैद हो गया। त्रिलोक ने हिम्मत दिखाकर उसके ऊपर बड़ा सा पत्थर रख दिया। इसके बाद शावक उसमें फंस गया। इसकी सूचना उन्होंने वन विभाग को दी। सूचना के बाद वन रेंजर एसस करायत समेत अन्य वन कर्मी मौके पर पहुंचे। उन्होंने शावक को रेस्क्यू का पिंजड़े में कैद किया और रेंज कार्यालय ले आए। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। इन सब में कमला देवी दहशत में आ गईं। मंगलवार को कमला का जिला अस्पताल में इलाज किया। शावक का स्वास्थ्य परीक्षण पशुपालन विभाग के डॉक्टरों ने किया। अभी दो दिन उसे रेंज कार्यालय में रखा जाएगा। इसके बाद उसे भी प्राकृतिक आवास में छोड़ा जाएगा।