ग्वाड़ गांव में गुलदार ने बच्चे को बनाया निवाला, दहशत
पौड़ी जिले के विकासखंड खिर्सू के अंतर्गत ग्राम पंचायत ग्वाड़ की घटना
लगातार बढ़ रही गुलदार की धमक में दहशत में ग्रामीण
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: पौड़ी जिले के विकासखंड खिर्सू के अंतर्गत ग्राम पंचायत ग्वाड़ में गुलदार ने एक बच्चे को अपना निवाला बना दिया। बच्चा गांव में गौशाला के समीप कंचे खेल रहा था। घटना के बाद से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। बच्चे की मौत के बाद स्वजनों में कोहराम मचा हुआ है।
खिर्सू ब्लॉक के ग्वाड़ गांव में 11 साल का अंकित अपने तीन अन्य दोस्तों के साथ घर के ही कंचे खेल रहा था। तभी एक कंचा खेलते-खेलते दूर गिर गया। जैसे ही अंकित कंचे की तलाश में आगे निकला, तभी गुलदार ने हमला कर लहूलुहान कर दिया। बच्चे की चीखने की आवाज सुनते ही परिजन और आसपास के लोग मौके पर पहुंचे. जिसके बाद गुलदार उसे छोड़कर जंगल की तरफ भाग गया। वहीं, गुलदार के हमले में अंकित बुरी तरह से घायल हो गया। परिजन और ग्रामीण अंकित को बेस अस्पताल श्रीकोट ले गए, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। बताया जा रहा है कि अंकित की मां गृहणी हैं. जबकि, पिता चंडीगढ़ में नौकरी करते हैं। इस घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है। अंकित की मां बिलख-बिलख कर रो रही हैं। उधर, घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम रेंजर ललित मोहन नेगी के नेतृत्व में ग्वाड़ गांव पहुंची। जहां टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। वन विभाग की एसडीओ लक्की शाह का कहना है कि बच्चे के पेट में गुलदार के नाखूनों के निशान हैं।
सीसीटीवी में कैद हुए गुलदार
हादसे के बाद से पूरे गांव में मातम पसर गया। लोगों में दहशत के साथ ही आक्रोश है। दूसरी तरफ श्रीनगर गढ़वाल में आवासीय बस्तियों में गुलदार घूमते नजर आए। कई स्थानों पर गुलदार सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ। गुलदार के बढ़ते मूवमेंट से लोगों में दहशत का महौल। कुछ दिन पूर्व बजीरों के बाग में एक साथ तीन गुलदार दिखाई दिए। इसके बाद फिर अलनंदा कालोनी में सीसीटीवी कैमरे में गुलदार का मूवमेंट कैद हुआ। जिससे यहां लोगों में दहशत बनी हुई है। रुद्रप्रयाग के खलिया गांव में दो दिन पहले ही एक गुलदार ने पांच वर्षीय बच्चे पर हमला कर दिया। बच्चे के सिर, पैर और हाथ पर गहरे जख्म आए। हालांकि बच्चे की हालत खतरे से बाहर है।
तीन वर्षों में 514 की गई जान
प्रदेश में मानव-वन्यजीव संघर्ष में पिछले वर्ष 2023 तक 40 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें से 13 लोगों की जान गुलदार ने ली है। मानव और वन्यजीवों के बीच बढ़ते टकराव की वजह से दोनों का ही नुकसान हो रहा है। इस दौरान 82 गुलदार भी मारे गए हैं। वन महकमा और विशेषज्ञ इस बात को लेकर चिंतित हैं। वर्ष 2000 से अब तक गुलदार के हमले में 514 लोगों की जान गई है, जबकि 1868 लोग घायल हुए हैं। वहीं, वर्ष 2000 से अब तक 1741 गुलदारों की मौत रिकॉर्ड में दर्ज है।