श्रद्घापूर्वक मनाया गया गुरमत समागम
काशीपुर। सिखों के पंचम गुरु श्री अर्जुन देव जी महाराज के शहीदी दिवस को समर्पित गुरमत समागम श्रद्घापूवर्क मनाया गया। समारोह में पहुंचे पंजाग गालिब खुर्द से बाबा अमरजीत सिंह ने अपने श्रीमुख से संगत को निहाल किया। रविवार को गुरुद्वारा नानकसर ठाठ गजरौला में जेठ माह में पूर्णमासी पर गुरमत समागम का आयोजन किया गया। समागम में पहुंचे बाबा अमरजीत सिंह गालिब खुर्द पंजाब ने गुरु महिमा का बखान करते हुए कहा कि सिखों के पांचवें गुरु श्री अर्जुन देव जी को धर्म परिवर्तन नहीं करने पर मुगलों ने गर्म रेत पर बैठाया। कठोर से कठोर यातनायें दी फिर भी उन्होंने अपना धर्म नहीं छोड़ा और हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए हंसते-हंसते शहीद हो गए। उन्होंने कहा कि जब मुगल बादशाह जहांगीर ने गुरु अर्जुन देव जी को गर्म लोहे की कढ़ाई में बैठाकर उन पर गर्म रेत डलवाई तो वे बिल्कुल भी विचलित नहीं हुए और वाहे गुरु का सिमरन करते रहे। उन्हें पानी की बूंद तक के लिए तरसाया गया। उन दिनों जेठ का महीना था और गर्मी का दिन था। गुरु की सहनशीलता के आगे मुगल भी हार गए। तब से उनके शहीदी दिवस पर ठंडे-मीठे पानी की छबील लगाई जाती है ताकि प्यास की वजह से किसी की आत्मा को कष्ट न हो। वहीं प्रमुख सेवादार बाबा प्रताप सिंह ने दूर दराज से आए अतिथियों को सरोंपा भेंट कर उनका सम्मान किया। वहीं बाबा हरपाल सिंह तथा बीबी मंदीप कौर के कविशरी जत्थे ने भी गुरु की महिमा का बखान किया। यहां हरपाल सिंह, गुरजीत सिंह, गुरदीप सिंह राणा, सुखविंदर सिंह, जगतार सिंह बाजवा, मेजर सिंह, अजीत सिंह, हरदीप सिंह, मोहन सिंह, प्रीतम कौर, मंजीत कौर, मंदीप कौर आदि मौजूद रहे।