जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के तत्वावधान में सिक्ख पंथ के प्रथम गुरू नानक देव की 556वें जन्मदिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान गुरूग्रंथ का अखंड पाठ व सबद कीर्तन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
सर्वप्रथम मुख्य ग्रंथी ज्ञान गुरजंट सिंह ने गुरूग्रंथ का अखंड पाठ किया। कहा कि गुरू नानक देव ने समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए लोगों को प्रेरित करने का काम किया। कहा कि गुरूनानक देव के तीन प्रमुख मंत्र रहे है, जिसमें जीवन में हमेशा कार्य करते रहो, नियमित रूप से परमात्मा का नाम जपो और लंगर प्रथा को जीवंत रखा जाए। गुरूनानक देव कहा करते थे कि लंगर प्रथा जीवित रहने से समाज के गरीब व असहाय लोग भूखे न रहें, उन्हें भी नियमित रूप से भोजन मिल सके। इसी परंपरा को जीवंत रखने के लिए गुरूद्वारों में भी अभी भी लंगर प्रथा जारी है। कार्यक्रम में मुख्यग्रंथी गुरूजंट सिंह व ज्ञानी शूरबीर सिंह ने अपने सुमधुर आवाज में सबद कीर्तन कर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। तत्पश्चात गुरू लंगर का कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्र के श्रद्धालुओं ने लंगर का प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष अनिल भोला, अश्वनी भाटिया, अशोक भाटिया, दलजीत सिंह मौजूद रहे।