उत्तराखंड

उत्साह के साथ मनाया गया हरेला पर्व, जगह-जगह हुआ पौधरोपण

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पिथौरागढ़। सीमांत में यहां की सांस्तिक विरासत हरेला पर्व धूमधाम से मनाया गया। घरों में पूजा-अर्चना के बाद लोगों ने पांच अनाज से तैयार हरेला को अपने ईष्ट व आराध्य देवी को अर्पित कर सुख-समृद्घि का आशीर्वाद मांगा। इसके बाद मां-बहनों से परिजनों का हरेले से सिर पूजन कर उनकी खुशहाली की कामना की। वहीं जिले भर में हरेला पर्व पर पौधरोपण किया गया, जिसमें स्कूली बच्चों, सरकारी कर्मचारियों व विभिन्न संगठन के लोगों ने उत्साह के साथ भाग लिया। जिले में हरेला पर्व की धूम रही। सुबह उठकर लोगों ने पवित्र घाटों में स्नान कर मंदिरों में जलाभिषेक किया। इसके बाद घरों में विधि-विधान से पूजा अर्चना कर पांच अनाज से तैयार हरेले से अपने ईष्ट देव व आराध्य देवी का पूजन किया। मां-बहन व बेटियों ने परिवार के सदस्यों के सिरों में हरेला रखकर उनकी सुख-समृद्घि की कामना की। घरों में पूरे दिन लाग हरेला, लाग बग्वाई, जी रये, जागि रये आर्शीवचन गूंजते रहे। इस मौके पर घरों में विशेष पकवान बनाए गए, जिसका लोगों ने जमकर आनंद लिया। वहीं हरेला पर्व पर जिले भर में पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किए गए। जीआईसी गुरना में डीएम ड़ आशीष चौहान के नेतृत्व में पौधरोपण हुआ, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी, स्कूली बच्चे, जनप्रतिनिधि व विभिन्न संगठन के लोग शामिल रहे। डीएम ने जिले के लोगों को हरेला पर्व की बधाई देते हुए कहा विभिन्न पर्वों पर पौधे रोपकर औपचारिकता नहीं निभाई जा सकती। पौधरोपण के साथ इनकी देखरेख करना भी बेहद जरूरी है। कहा रोपे गए पौधों को अपना नन भुला (छोटा भाई) मानकर इनकी देखभाल करनी होगी, तभी यह अभियान सार्थक होगा।

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