हरक सिंह ने कहा हरीश रावत मेरे बड़े भाई, मांग सकता हूं 100 बार माफी
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा से निष्कासित किए गए पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत फिर से कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं। हरक सिंह रावत के साथ उनकी बहू अनुति भी कांग्रेस जइन करेंगी। रावत अपनी बहू के साथ दिल्ली में पार्टी के बड़े नेताओं की मौजूद्गी में कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं।
वहीं हरक सिंह रावत ने मंगलवार को मीडिया से कहा कि मैंने कांग्रेस पार्टी के नेताओं से बात की है। वह मुझे जल्द ही अपना निर्णय बताएंगे और मैं उसी के आधार पर अपने फैसले लूंगा। उन्होंने कहा कि वह हरीश रावत मेरे बड़े भाई हैं। मैं उनसे सौ बार माफी मांग सकता है। मैं उत्तराखंड का विकास चाहता हूं।
विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस में अब टिकटों की घोषणा हरक एपीसोड के पूरा होने के बाद ही होगी। वहीं पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी ने फंसी हुई सीटों पर एक बार फिर मंथन बैठक कर पैनल तैयार कर लिए हैं, जिन्हें मंगलवार को केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) को सौंपा जाएगा।
भाजपा ने हरक सिंह रावत को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी सख्ती और तेजी दिखाते हुए हरक की मंत्रिमंडल से टुटटी कर दी थी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, हरक सिंह रावत विधानसभा चुनाव में पार्टी से अपने परिवार के लिए तीन टिकट की मांग कर रहे थे। उन्हें केदारनाथ या कोटद्वार विधानसभा सीट से टिकट की पेशकश हो गई थी। लेकिन वह लगातार दबाव बना रहे थे। सूत्रों के मुताबिक, हरक ने कांग्रेस को पांच सीटें खाली रखने के लिए कहा है।
पार्टी ने हरक को केदारनाथ या कोटद्वार सीट पर चुनाव लड़ने का अफर दे दिया था। लेकिन लैंसडौन सीट पर उनकी पुत्रवधू की टिकट डिमांड को खारिज कर दिया। हरक एक और टिकट चाह रहे थे। पार्टी की मनाही के बाद वह दिल्ली पहुंच गए थे।
ब्रैक फास्ट और डिनर डिप्लोमेसी फेल
पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और हरक सिंह को को भी प्रदेश सरकार मनाने में नाकाम रही। आर्य के पार्टी छोड़ने से पहले मुख्यमंत्री ने उनके साथ बाकायदा ब्रैक फास्ट किया था। आर्य ने सरकार से अपने काम कराए और बाद में विधायक बेटे के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए। इसके बाद हरक सिंह रावत कोट्वार मेडिकल कलेज के लिए धनराशि मंजूर कराने को लेकर कोपभवन में चले गए थे। मुख्यमंत्री ने उन्हें डिनर की टेबल पर मनाया। उनकी मांग के अनुसार, 25 करोड़ की मंजूर किए। उसके बाद हरक सिंह के भी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में जाने की खबरें आ गईं।
यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत भाजपा छोड़ने के कयासों पर विराम लगाया है। हरक सिंह रावत प्रकरण के बाद से केदार सिंह रावत के पार्टी छोड़ने के सोशल मीडिया में कयास लगाए जा रहे थे। केदार सिंह रावत ने सोशल मीडिया में वीडियो जारी कर कहा कि मैं कहीं भी किसी के पीटे जाने वाला नहीं हूं।
हरक सिंह प्रकरण की आंच युमनोत्री विधान सभा क्षेत्र तक पहुंची है। हरक सिंह के भाजपा से निष्कासन के बाद यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत के भी पार्टी छोड़ने के कयास लगाए जा रहे थे। जिस पर केदार सिंह रावत ने सोशल मीडिया में वीडियो जारी कर अपना पक्ष रखा है। वीडियो में केदार सिंह रावत कह रहे हैं कि मुझे भाजपा के नेतृत्व पर पूरा विश्वास है। जब भी प्रदेश में उम्मीदवारों की सूची जारी होगी तो उसमें मेरा भी नाम होगा।
आप लोगों को किसी भी प्रकार से भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि आजकल कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर अनर्गल चर्चाएं चल रही हैं। मैं कहीं भी किसी के पीटे जाने वाला नहीं हूं। और न जाने का कोई कारण है। मैं भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ता के नाते चुनाव आयोग की गाइड लाइन के अनुसार गांव-गांव में जाकर जनसंपर्क कर रहा हूं। किसी को इस प्रकार के समाचार से भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है।