खेल रत्न पाने की रेस में हरमनप्रीत सिंह और प्रवीण कुमार का नाम, मनु भाकर भी हैं बड़ी दावेदार
नई दिल्ली। दो ओलंपिक पदक जीतने वालीं मनु भाकर की इस साल ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के लिए उपेक्षा किए जाने की खबरों के बीच खेल मंत्रालय के एक शीर्ष सूत्र ने कहा है कि अभी नाम तय नहीं हुए हैं और एक सप्ताह में पुरस्कारों का खुलासा होने पर उनका नाम सूची में होगा। अगस्त में पेरिस ओलंपिक में मनु एक ही गेम्स में दो पदक जीतने वाली आजाद भारत की पहली खिलाड़ी बन थीं। उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। वहीं, हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैरालंपिक गोल्ड मेडलिस्ट प्रवीण कुमार का नाम रेस में है।
मनु के परिवार ने कहा कि उन्होंने पुरस्कार के लिए आवेदन भरा था। मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा, ‘‘अभी अंतिम सूची तय नहीं हुई है। खेलमंत्री मनसुख मांडविया एक या दो दिन में अनुशंसा पर फैसला लेंगे और अंतिम सूची में मनु का नाम होने की पूरी संभावना है।’’ उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत जज वी रामासुब्रमम की अध्यक्षता वाली 12 सदस्यीय पुरस्कार समिति में भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल समेत पूर्व खिलाड़ी भी हैं।
मंत्रालय के नियमों के तहत खिलाड़ियों को अपना नामांकन खुद भरने की भी अनुमति है। चयन समिति उन नामों पर भी विचार कर सकती है, जिन्होंने आवेदन नहीं किया है। मंत्रालय ने दावा किया कि मनु ने आवेदन नहीं किया है, लेकिन उनके पिता रामकिशन भाकर ने कहा कि उन्होंने आवेदन किया है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में ओलंपिक खेलों की कोई अहमियत नहीं है, क्योंकि दो ओलंपिक पदक जीतने के बावजूद मनु की खेल रत्न पुरस्कार के लिए उपेक्षा की गई।”
उन्होंने आगे कहा, “देश के लिए खेलने और पदक जीतने का क्या फायदा जब सम्मान के लिए हाथ फैलाने पड़ें। वह पिछले दो तीन साल से लगातार सारे पुरस्कारों के लिए आवेदन कर रही हैं और मैं इसका गवाह हूं। इसमें खेल रत्न, पद्मभी और पद्मभूषण सम्मान शामिल है।’’ समझा जाता है कि समिति ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैरालम्पिक में ऊंची कूद टी64 वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाले पैरा एथलीट प्रवीण कुमार के नामों की सिफारिश खेल रत्न के लिए की है। इनके अलावा 30 खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार देने की भी सिफारिश की गई है।