राम रहीम की पैरोल खारिज करने की याचिका का निपटारा, एक हफ्ते में निर्णय लेगी हरियाणा सरकार
चंडीगढ़, एजेंसी। डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम को दी गई पैरोल को रद्द करने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका को सोमवार को एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने वापस ले लिया। हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को विश्वास दिलाया कि एक सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता द्वारा सौंपे गए मांग पत्र पर निर्णय ले लिया जाएगा।
हरियाणा सरकार के विश्वास दिलाए जाने पर हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया। याचिका दाखिल करते हुए राम रहीम को दी गई पैरोल को रद्द करने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता ने कहा था कि राम रहीम को पैरोल देते हुए नियमों का पालन नहीं किया गया था। इसके साथ ही नियमों के तहत राम रहीम को पैरोल नहीं दी जा सकती थी।
एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने याचिका में आरोप लगाया था कि हरियाणा सरकार ने राम रहीम को पैरोल देते हुए नियमों की अवहेलना की है। नियमों के अनुसार किसी भी प्रकार की कानून-व्यवस्था की समस्या न हो इसलिए पैरोल पाने वाला व्यक्ति जिस स्थान पर रुकता है उसके डीएम से राय ली जाती है। राम रहीम के मामले में इस नियम को सरकार ने भुला दिया। याची ने कहा कि राम रहीम पंजाब को सीधे-सीधे प्रभावित करता है और उनके चलते पंजाब में कानून व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। बावजूद इसके पैरोल से पहले हरियाणा सरकार ने पंजाब सरकार की राय नहीं ली।
राम रहीम सोशल मीडिया में काफी एक्टिव रहता है और ऐसे में यह कारण कानून-व्यवस्था के लिए खतरा है। राम रहीम के पैरोल पर बाहर आने के बाद कई जगह डेरा समर्थकों व अन्य के बीच तनाव की स्थिति बढ़ी है। पैरोल की स्थिति में कुछ शर्तें रखी जाती हैं और स्थानीय थाने को पैरोल पाने वाले पर नजर रखने की हिदायत दी जाती है। मोबाइल आदि पर भी रोक की शर्त रखी जाती है लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया और राम रहीम तो इंटरनेट पर गाने गा रहा है।