हाथी के आंतक से नहीं मिल रही निजात, दहशत में ग्रामीण
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। विकासखण्ड रिखणीखाल की ग्राम सभा कांडा के गजरोड़ा, तूणीचौड़ व खेड़ा में हाथी का आंतक थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाथी आये दिन ग्रामीणों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है, लेकिन वन विभाग के अधिकारी जानकारी के बावजूद भी कोई कार्यवाही करने को तैयार नहीं है। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है।
ग्रामसभा कांडा के गजरोड़ा, तूणीचौड़ व खेड़ा में दस दिनों से डेरा जमाये एकल हाथी ने निकट के कौंलसैंण, फुच्या रौ व ब्वाड़ाख्यात में डेरा बनाया हुआ है। गजरोड़ा में मायाराम स्मृति बाग व बगल के खेतों के घुगसा, बांस आदि को तहस-नहस करने के बाद पुन: वह शाम ढलते ही पेड़ों पर धावा बोल रहा है। गजरोड़ा जल स्रोत को नुकसान पहुंचाने के बाद हाथी ने मंदाल किनारे की विशम्बर दत्त ध्यानी की सुरक्षा दीवार तोड़ डाली है। ग्रामीण रातभर जगाकर अपनी फसलों की सुरक्षा करने को मजबूर है। गजरोड़ा निवासी 72 वर्षीया विमला देवी तूणीचौड़ निवासी कलावती देवी को पानी भरने के पानी स्रोत पर जाने के लिये भी जान जोखिम में डालनी पड़ रही है। क्योंकि पता नहीं लग पा रहा है कि हाथी कब किस दिशा से आ जाये। क्षेत्र पंचायत सदस्य विनीता ध्यानी ने बताया कि हाथी के आने की सूचना सचिव वन विभाग, हेल्पलाइन नं देहरादून, डीएम पौडी, डीएफओ लैंसडौन, निदेशक रामनगर व वन मंत्री, क्षेत्रीय विधायक को देने के बाद भी आरओ मैदावन द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। गांधी गन का भी हाथी पर असर नहीं हो रहा है। शायद यह तय है कि शासन-प्रशासन किसी अनहोनी की प्रतीक्षा में है।