महानगर में हॉकर्स को मिलेगा पहचान पत्र, पंजीकृत रेहड़ी-पटरी व्यापारियों को बड़ी राहत

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कोलकाता कोलकाता नगर निगम ने शहर में हॉकर्स को उनकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए फोटो युक्त पहचान पत्र देने का फैसला किया है। यह कार्य आने वाले दुर्गा पूजा के पहले चरण में लागू की जा रही है, जिसके अंतर्गत लगभग नौ हजार हॉकर्स को पहचान पत्र जारी किए जाएंगे। यह कार्य अगस्त माह से शुरू होगा और इसे टाउन वेंडिंग कमेटी तथा हॉकर पुनर्वास विभाग मिलकर अंजाम देंगे। गौरतलब है कि पिछले वर्ष मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अतिक्रमण कर रहे हॉकर्स पर सख्त रुख अपनाया था। इसके बाद नगर निगम और पुलिस ने मिलकर अवैध हॉकर्स के खिलाफ बड़े पैमाने पर हटाने का अभियान चलाया था। इस दौरान कई हॉकर्स को सार्वजनिक स्थलों से हटाया गया और अतिक्रमण पर लगाम कसने की कोशिश की गई। 2016 की रिपोर्ट के अनुसार, कोलकाता में हॉकर्स की संख्या करीब 54 हजार थी, जबकि हॉकर्स संगठनों के अनुसार यह संख्या 60 हजार से अधिक है। सरकार द्वारा किए गए डिजिटल सर्वे में लगभग 15 हजार हॉकर्स की जानकारी, उनकी तस्वीर और आधार कार्ड से लिंक करके दर्ज की गई थी। उन्हीं में से पहले चरण में नौ हजार वैध हॉकर्स को पहचान पत्र दिया जाएगा। दूसरे चरण में वर्ष के अंत या अगले वर्ष की शुरुआत में छह हजार और हॉकर्स को पहचान पत्र प्रदान किए जाएंगे। कोलकाता नगर निगम के मेयर परिषद सदस्य देबाशिष कुमार ने कहा है कि जो हॉकर्स नियमों का पालन करते हैं, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। लेकिन जो अवैध रूप से हॉकरी करते हैं, उनके खिलाफ सख्त अभियान फिर से चलाया जाएगा। हॉकर्स यूनियनों ने राज्य के इस निर्णय का स्वागत किया है और मांग की है कि जो वैध हॉकर्स अभी तक सर्वे में शामिल नहीं हो सके हैं, उन्हें जल्द से जल्द सर्वे के दायरे में लाकर उनका पंजीकरण किया जाए ताकि उन्हें भी पहचान पत्र मिल सके।

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