जुगाड़ से चल रहीं जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं
बागेश्वर। कोरोना महामारी को एक साल से भी अधिक समय पूरा हो गया है, लेकिन जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं अब तक जुगाड़ से ही चल रही हैं। यहां ऑक्सीजन टैक्नीशियन हैं न आइसीयू में डाक्टर। वेंटिलेटर के संचालन के लिए भी पर्याप्त चिकित्सकीय तकनीकी कर्मी नहीं हैं। इससे गंभीर होते संक्रमण के दौर में लोगों की जान का खतरा बढ़ गया है। कोविड-19 महामारी के इन 12 महीनों में भी शासन-प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया है। महामारी ने लचर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी है। संक्रमित रोगियों के लिए जिला मुख्यालय स्थित डिग्री कॉलेज में 100 बेड का कोविड केयर सेंटर, जिला अस्पताल में 44 व कोविड अस्पताल में 26 बेड की व्यवस्था की गई है। जिला व कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, सेंट्रल ऑक्सीजन सप्लाई आदि की भी व्यवस्था है। इसके साथ ही कोविड अस्पताल में छह आइसीयू बेड व नौ वेंटिलेटर हैं। महामारी में संक्रमितों के लिए लगातार अन्य व्यवस्थाएं भी की जा रही हैं, लेकिन स्वास्थ्य महकमे के पास ऑक्सीजन टेक्निशियन ही नहीं है। इससे हालात की गंभीरता का पता चल जाता हैं। यही हाल आइसीयू और वेंटिलेटर संचालन का भी है।
चिकित्सक ही तकनीशियन का कर रहे काम: बागेश्वर। स्वास्थ्य विभाग में तकनीकी चिकित्सकीय कर्मचारियों के नहीं होने पर सारा काम चिकित्सकों के जिम्मे ही है। वही आइसीयू से लेकर ऑक्सीजन टेक्निशियन का कार्य कर रहे हैं। चिकित्सकों की भी भारी कमी है। कई चिकित्सक संक्रमित भी हो रहे हैं। तकनीकी कर्मचारी की कमी से दिक्कत तो है ही। इसकी व्यवस्था को लेकर सीएमएस को बताया गया था। कुछ चिकित्सकों को भी प्रशिक्षण दिया गया है। प्रयास किए जा रहे हैं। -डा. बीडी जोशी, मुख्य चिकित्साधिकारी, बागेश्वर