नैनीताल दुग्ध उत्पादक संघ लालकुआं फर्जीवाड़ा मामले में दायर याचिका पर हुई सुनवाई
– हाईकोर्ट ने मांगी कुमाऊं कमिश्नर की जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई करने की रिपोर्ट
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल दुग्ध उत्पादक संघ लालकुआं में टेंडर प्रक्रिया के दौरान हुई गड़बड़ियों के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार से यह बताने को कहा कि 2023 में टेंडर को लेकर कुमाऊं कमिश्नर ने जांच करके जो रिपोर्ट शासन को भेजी थी, उस पर अभी तक सरकार ने क्या एक्शन लिया, उस पर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने की।
टेंडर प्रक्रिया में नियमावली का नहीं हुआ पालन: मामले के अनुसार निविदाकर्ता देवभूमि ट्रेडर्स ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा है कि नैनीताल दुग्ध उत्पादक संघ लालकुआं द्वारा अन्य वर्षों की भांति संघ की गतिविधियां जैसे दही मटका, स्टेशनरी, मैन पावर और एल्युमिनियम केन सहित कई अन्य जरूरी सामानों की सप्लाई करने के लिए टेंडर निकाला गया, लेकिन संघ ने टेंडर प्रक्रिया में नियमावली का पालन नहीं किया।
ई टेंडर होना आवश्यक: नियमावली के अनुसार ई टेंडर भी होना आवश्यक था, जो नहीं हुआ। साल 2023 में भी संघ ने अपने चेहतों को टेंडर में शामिल करने के लिए बड़ी गड़बड़ियां की। संघ ने 2023 में जब टेंडर निकाला था, उसमें तीन विडर थे। तीनों ही निविदाकर्ताओं ने एक बैंक, एक एकाउंट और एक ही लिफाफे में अपनी निविदा संघ को भेजी थी, जो निविदा की नियमावली के खिलाफ है।
सामाजिक कार्यकर्ता भुवन पोखरिया ने दायर की थी याचिका: कोर्ट ने इसी प्रकरण से संबंधित नरेंद्र सिंह व सामाजिक कार्यकर्ता भुवन पोखरिया की जनहित याचिका पर भी सुनवाई की। राज्य सरकार ने पोखरिया की जनहित याचिका पर रिपोर्ट पेश की। खंडपीठ ने पोखरिया से कहा कि सरकार ने जो एक्शन कमिश्नर की रिपोर्ट पर लिया है, इस पर आप अपने सुझावों के साथ अपना जवाब पेश करें।